Uncategorized

समाज के पे्ररणास्रोत थे ब्रह्मलीन स्वामी तत्वानंद हरि महाराज-स्वामी कमलानंद गिरी

राकेश वालिया

हरिद्वार, 20 अगस्त। मोक्षधाम सत्संग भवन के परमाध्यक्ष स्वामी तत्वानंद हरि महाराज के अचानक ब्रह्मलीन हो जाने से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गयी। उन्हें संत समाज की मौजूदगी में दस नंबर ठोकर पर जलसमाधि दी गयी। भूपतवाला स्थित आश्रम में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए स्वामी कमलानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी तत्वानंद हरि महाराज समाज के प्रेरणा स्रोत थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के उत्थान के लिए समर्पित किया और गरीब असहाय लोगों की हमेशा मदद कर संत समाज का गौरव बढ़ाया। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्वामी तत्वानंद हरि महाराज एक दिव्य महापुरूष थे। जिन्होंने सदैव युवा संतों को प्रेरणा देकर सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए प्रेरित किया और अपना संपूर्ण जीवन मानव हितों की रक्षा के लिए न्यौछावर किया। स्वामी राजेंद्रानंद महाराज व स्वामी जगदीशानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी तत्वानंद हरि महाराज महान संत थे। जिन्होंने गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प प्रारम्भ कर समाज कल्याण में अपना अहम योगदान प्रदान किया। गंगा स्वच्छता, गौ सेवा उनके जीवन का मूल उद्देश्य था। समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर उन्होंने सदैव उन्नति की ओर अग्रसर किया। ऐसे महापुरूषों को संत समाज नमन करता है। स्वामी ऋषि रामकृष्ण व स्वामी चिदविलासानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परमार्थ को समर्पित होता है। ब्रह्मलीन स्वामी तत्वानंद हरि महाराज साक्षात त्याग की प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने जीवन पर्यन्त संत समाज की सेवा कर विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ाया और देश ही नहीं विदेशों में भी सनातन धर्म की पताका फहराकर धर्म के नए आयाम स्थापित किए। इस अवसर पर स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री, महंत जसविन्दर सिंह, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, स्वामी गिरीशानंद, महंत गंगादास, महंत कमलदास, महंत सूरजदास, महंत दुर्गादास, बीडी चैधरी, अमरनाथ सेठी, भगत ऋषि, राकेश सेठी, श्यामलाल, इंद्रमोहन आहूजा आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *