सनातन संस्कृति का स्तंभ है युवा संत- महामंडलेश्वर स्वामी हरीचेतनानंद
हरिद्वार। महामंडलेश्वर स्वामी हरीचेतनानंद महाराज ने कहा है कि युगो युगो से वैदिक सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति ने संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया है। युवा संत सनातन संस्कृति का स्तंभ है जो इसी श्रृंखला में धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर कर रहे हैं। भूपतवाला स्थित राधाकृष्ण कृपा धाम आश्रम के द्वितीय वार्षिकोत्सव एवं स्वामी आयुष कृष्ण नयन महाराज के अवतरण दिवस पर आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामी हरीचेतनानंद महाराज ने कहा कि युवा संतों ने भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए दायित्व संभाला है। जिस कारण धर्म के क्षेत्र में देश भर में नई क्रांति का संचार हुआ है स्वामी आयुष कृष्ण नयन ऊर्जावान संत है। संत समाज उनकी दीर्घायु की कामना करता है। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत, विष्णु महापुराण एवं शिव पुराण कथाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में समाज धर्म के क्षेत्र से जुड़ रहा है। संत समाज के लिए यह गौरव का विषय है। वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्वगुरु के रूप में संपूर्ण जगत का मार्गदर्शन करेगा। कार्यक्रम में पधारे संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए युवा कथावाचक स्वामी आयुष कृष्ण नयन ने कहा कि देश दुनिया में वैदिक सनातन धर्म की ज्वाला को प्रज्वलित करना उनका राष्ट्र धर्म है। राम राज्य की कल्पना को साकार करने में संत समाज अपनी भूमिका भली भांति निभा रहा है। प्रत्येक भारतवासी में स्वाध्याय की उपाय भावना को जागृत कर समाज में समरसता को विस्थापित कर अखंड भारत का निर्माण किया जाएगा। इस अवसर पर मंहत पर्वत गिरी, महंत गोपाल मणि, साध्वी विष्णु प्रिया, स्वामी दिव्यांश वेदांती, स्वामी केशवानंद, स्वामी कृष्ण देव, राधेश्याम सैनी, कैलाश अग्रवाल, विरेन्द्र विज्लबाण, रूकम सिंह सजबाण, दीपा गुप्ता, पीयूष द्विवेदी, दिनेश नौटियाल, गणेश विज्लबाण, खानवानी परिवार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।