राकेश वालिया
हरिद्वार, 2 सितम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने कहा है कि बैरागी कैंप क्षेत्र की भूमि सदियों से बैरागी अखाड़ों के लिए आरक्षित चली आ रही है। सरकार अपना पिछला रिकार्ड देखे की तीनों बैरागी अखाड़े उनके 18 उप अखाड़े व खालसा प्रत्येक कुंभ में ही पड़ाव डालते हैं। फिर बैरागी अखाड़ों के मंदिरों को लेकर बेवजह विवाद क्यों पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप बैरागी संतों के लिए आरक्षित भूमि है। और रहेगी। बैरागी अखाड़ों के निर्माण को छोड़कर अन्य सभी अतिक्रमण को हटाकर सरकार बैरागी कैंप क्षेत्र को कब्जा मुक्त कराए। उन्होंने कहा कि सरकार सन्यासियों को भू समाधि के लिए बैरागी कैंप क्षेत्र से अलग जगह उपलब्ध कराये। हरिद्वार के बैरागी संत व तीनों अनी अखाड़ों के बैरागी संत सन्यासियों को बैरागी कैंप क्षेत्र में भू समाधि के लिए जगह नहीं लेने देंगे। उन्होंने कहा कि सन्यासी अखाड़ों के पास हजारों बीघा जमीन है। वह अपनी जगह में से उदारता दिखाते हुए समाधि के लिए जगह दें। सरकार से जमीन मांगने का कोई औचित्य नहीं होता। सन्यासी अखाड़े अपनी 5 से 10 एकड़ भूमि देकर परोपकार का कार्य करें। उन्होंने कहा कि सरकार से जमीन उन्हें मांगनी चाहिए जिनके पास जमीन न हो। बाबा हठयोगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सभी सन्यासी अखाड़ों के पास अपनी छावनियां व वृहद स्तर पर जमीन है। जिनमें उन्होंने दुकानें, फ्लैट बना दिए हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें सरकार से कोई भी मांग नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कोई विवाद न हो इसके लिए सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। शासन व प्रशासन बैरागी संतों की संख्या को कमतर आंकने की भूल कतई ना करें। जल्द ही बैरागी संतों का आगमन हरिद्वार में शुरू हो जाएगा और कुंभ मेले की तैयारियां तेज की जाएंगी।