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लंदन पहुंचे पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी धर्म भूषण राजराजेश्वर गुरु महाराज से की भेंट वार्ता

भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता को दर्शाती है-महामनीषी निरंजन स्वामी

हरिद्वार, 22 सितम्बर। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार हेतु विदेश भ्रमण के दौरान लंदन पहुंचे। जहां उन्होंने इंटरनेशनल सिद्धाश्रम शक्ति सेंटर के संस्थापक सनातन धर्म भूषण राजराजेश्वर गुरु महाराज से भेंट वार्ता की। इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन में हो रहे हिंदू धर्म स्थलों पर हमलों की निंदा की और कहा कि भारतीय सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है। जिसको तोड़ने की कोशिश कई बार की गई है। लेकिन सनातन धर्म अजर अमर अविनाशी है। जिसे कोई मिटा नहीं सकता। हमारी भारतीय संस्कृति सबका विकास सबका साथ और सबका विश्वास वाली है और सभी मत संप्रदाय के लोगों का भारत में हमेशा स्वागत किया गया है। भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता को दर्शाती है। लेकिन कुछ लोग सनातन धर्म पर कुठाराघात कर रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर विदेशी लोग भी सनातन धर्म को अपना रहे हैं। सनातन धर्म भूषण राज राजेश्वर महाराज के तत्वाधान में इंग्लैंड बर्मिंघम और लेस्टर में हिंदू संस्कृति का प्रचार प्रसार भली-भांति हो रहा है। हम सभी उनके आभारी हैं कि वह विदेशों में भी भारतीय संस्कृति की पताका को फहरा रहे हैं। निरंजन स्वामी महाराज ने बताया कि भारतीय समुदाय के साथ-साथ विदेशी लोगों को भी भारतीय संस्कृति का ज्ञान का बोध कराने के लिए बागेश्वर महाराज के श्री मुख से नवरात्रों में श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें भारत से भी बड़ी संख्या में अनुयाई शामिल होंगे। इंटरनेशनल सिद्ध आश्रम शक्ति सेंटर के संस्थापक राजराजेश्वर महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों के तपोबल और गुरु शिष्य परंपरा से आज भारत पूरे विश्व में गौरवान्वित हो रहा है। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में संत महापुरुषों की अहम भूमिका ह।ै महा मनीषी निरंजन स्वामी आशीर्वाद के पात्र हैं कि वह भारत के साथ-साथ विदेशों में भी धार्मिक यात्राएं कर धर्म के प्रचार प्रसार और संरक्षण संवर्धन को बढ़ावा दे रहे हैं।

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