हरिद्वार, 10 नवम्बर। श्री साधु गरीबदासी सेवा आश्रम ट्रस्ट में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि सच्चे हृदय से श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण व मनन करने से जीवन पूरी तरह बदल जाता है। मन में सद्विचारों का उदय होता है तथा जीवन सदैव उन्नति की और अग्रसर रहता है। उन्होंने कहा कि कलियुग में मुक्ति का सबसे सरल माध्यम श्रीमद्भागवत कथा श्रवण ही हैं। कथा श्रवण के प्रभाव से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से चरित्र व आचरण उत्तम होता है। जीवन भवसागर से पार हो जाता है। मन से मृत्यु का भय दूर होता है तथा बैकुंठ का मार्ग प्रशस्त होता है। सभी को समय निकालकर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती एवं स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है। जिसके श्रवण अंतःकरण की शुद्धि होती है। मां गंगा के पावन तट पर कथा श्रवण का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। डा.पदम प्रसाद सुवेदी ने कथा में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि जि स स्थान पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होता है वह स्थान सदैव के लिए तीर्थ के समान हो जाता है। कथा के मुख्य यजमान रमेश लूथरा, कमलेश लूथरा, राजीव बहेल, रितु बहेल, केके बहेल, विक्रम लूथरा, सुगंधा लूथरा ने कथा व्यास स्वामी रविदेव शास्त्री का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और सभी संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर साध्वी जीवन ज्योति मां, स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, स्वामी अनंतानंद, स्वामी योगेंद्रानंद शास्त्री, महंत शिवानंद, महंत कृष्णानंद, स्वामी दिनेश दास, समाजसेवी संजय वर्मा, अनिल पुरी, ठाकुर मानसिंह आदि उपस्थित रहे।