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ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे देश भर के संत-स्वामी ऋषिश्वरानंद

23 सितंबर को परमहंसी गंगा आश्रम नरसिंहपुर मध्यप्रदेश में आयोजित किया जाएगा श्रद्धांजलि कार्यक्रम
हरिद्वार, 21 सितम्बर। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष एवं भारत साधु समाज के प्रवक्ता स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि ज्योतिष पीठ और द्वारका शारदा पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का श्रद्धांजलि कार्यक्रम हरिद्वार सहित देशभर के संत महापुरुषों के सानिध्य में 23 सितंबर को परमहंसी गंगा आश्रम नरसिंहपुर मध्यप्रदेश में आयोजित किया जाएगा। जिसमें देशभर से श्रद्धालु भक्त और संत महापुरुष सम्मिलित होंगे। उन्होंने कहा कि देश धर्म समाज को अपने अनेक विद्य योगदानों से समृद्ध करने वाले गंगा गौ गीता सनातन धर्म प्रतीकों की रक्षार्थ हेतु निरंतर संघर्षशील एवं श्री राम जन्मभूमि रामालय के पुरोधा जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज एक युग महापुरुष थे। जिनके ब्रह्मलीन होने से समस्त मानवता को भारी क्षति हुई है। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश का समस्त संत समाज जगतगुरु शंकराचार्य को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान करते हुए उनकी देश एवं समाज हित में विशेषताओं एवं योग्यताओं का बखान करते हुए युवा पीढ़ी को उनके मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा देगा। ताकि धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए युवा संत अपनी सहभागिता को सुनिश्चित कर सकें। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने बताया कि 21 सितंबर से प्रारंभ होने वाले कार्यक्रम यति पार्वण के पश्चात नारायण बलि और संत सभा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु भक्त सम्मिलित हो रहे हैं। हरिद्वार से भी बड़ी संख्या में संत महापुरुष श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। भारत के इतिहास में किसी शंकराचार्य को ऐसे ऐतिहासिक क्षण द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाना स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। हरिद्वार का संत समाज केंद्र सरकार से मांग करता है कि जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद महाराज को मरणोपरांत भारत रत्न की उपाधि से सुशोभित किया जाए। देश के इतने बड़े शंकराचार्य का ब्रह्मलीन होना भारत के इतिहास और सनातन संस्कृति का बहुत बड़ा आघात है। समस्त संत समाज जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को नमन करता है।

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