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संत महापुरूषों के आषीर्वाद से सकुषल सम्पन्न होगा कुंभ मेला -स्वामी कैलाषानंद ब्रह्मचारी


हरिद्वार 18 अक्टूबर। श्री दक्षिणकाली पीठाधीष्वर म0म0 स्वामी कैलाषानंद गिरि महाराज ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को मां की चुनरी ओढ़ाकर आषीर्वाद प्रदान किया। इस दौरान स्वामी कैलाषानंद ब्रह्मचारी महाराज ने राज्यपाल से महाकुंभ मेले पर चर्चा की। स्वामी कैलाषानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि विष्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुंभ मेला करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है जो विष्व में एकता व अखण्डता का संचार करता है। मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले करोड़ों श्रद्धालु पतीत पावनी मां गंगा का आचमन कर अपने कल्याण का मार्ग प्रषस्त करते हैं। कुंभ मेले को सकुषल सफल बनाना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में भी प्रयागराज, नासिक व उज्जैन की तर्ज पर कुंभ मेले की व्यवस्थाएं लागू की जानी चाहिए। मेला प्रारंभ होने में अभी पर्याप्त समय है। कुंभ मेले के कार्य समय से पूर्ण किये जाये ताकि मेले के दौरान आने वाले यात्री श्रद्धालुओं व संत महापुरूषों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। कुंभ मेले के दौरान निकलने वाले पेषवाईयों के मार्ग को जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाये। बिजली पानी, पथ प्रकाष की व्यवस्था को भी उत्तम रूप से लागू किया जाये। शासन प्रषासन व संत महापुरूषों के समन्वय से ही कुंभ मेला सकुषल सकुषल सम्पन्न होगा। महामहिम राज्यपाल बेबीरानी मौर्या ने कहा कि सभी संत महापुरूष मेरे लिये पूज्यनीय हैं और संत महापुरूषों के आषीर्वाद से ही महाकुंभ मेला सकुषल सम्पन्न कराया जायेगा। कोरोना जैसी महामारी भी महाकुंभ मेले से पहले ही समाप्त हो जायेगी क्योंकि महाकुंभ मेले में जो करोड़ों श्रद्धालु ईष्वरीय शक्ति के बुलाने पर मां गंगा में स्नान करने आते हैं और उन्हें मां गंगा मैया अपना आषीर्वाद प्रदान करती है। महामहिम राज्यपाल बेबीरानी मौर्या ने स्वामी कैलाषानंद ब्रह्मचारी महाराज से चर्चा के दौरान कहा कि समय से पूर्व कुंभ मेले के कार्य पूर्ण कर लिये जायेगें। संत महापुरूषों के आषीर्वाद व पतित पावनी मां गंगा की कृपा से कोरोना महामारी जल्द समाप्त होगी और सम्पूर्ण विष्व में खुषहाली लौटेगी। संत महापुरूषों के सानिध्य में कुंभ मेला सकुषल सम्पन्न होगा। इस दौरान महामहिम राज्यपाल के ओ0एस0डी0 देवेन्द्र प्रधान, अंकुष शुक्ला, आचार्य पवनदत्त मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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