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श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में कुंभ मेला स्थायी निर्माण कार्य प्रारम्भ

विक्की सैनी

अखाड़ों की परंपरा से ही कंुभ मेले की पहचान है-महंत जसविन्दर सिंह

हरिद्वार, 3 दिसंबर। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में कुंभ मेले के स्थायी निर्माण कार्यो का श्रीगणेश अखाड़े के संतों ने नारियल फोड़कर व पूजा अर्चना कर किया। इस दौेरान कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि अखाड़ों की परंपरा से ही कंुभ मेले की पहचान है। कंुभ मेले में देश विदेश लाखों श्रद्धालु भक्त संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अखाड़ों में आते हैं। आदि अनादि काल से संत महापुरूषों द्वारा अखाड़ों, मठ, मंदिरों से सनातन संस्कृति की पंरपरांओं का संचालन किया जा रहा है। युवा संतों को सनातन परंपरांओं का निर्वहन कराने में अखाड़ों के वरिष्ठ संत महापुरूषों द्वारा प्रेरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुंभ मेले की भव्यता व दिव्यता को लेकर बार बार अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। कुंभ निर्माण कार्य मठ मंदिरों पौराणिक सिद्ध पीठों मंशा देवी, चण्डी देवी के अलावा गंगा घाटों पर भी संचालित हैं। अखाड़ों आश्रमों का सौन्दर्यकरण भी तेजी के साथ किया जा रहा है। जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्राप्त हो सकें। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कुंभ मेला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि कनखल क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाना चाहिए। कुंभ मेला सकुशल संपन्न हो। इसको लेकर अधिकारी तत्परता से जुट जाएं। कुंभ मेले मे देेश भर से आने वाले अखाड़े के संतों व भक्तों की सुविधाओं के लिए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में सौन्दर्यकरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला सनातन संस्कृति के परचम देश दुनिया में फहराता है। भारतीय संस्कृति का दर्शन कुंभ मेले में सनातन प्रेमियों को देखने को मिलेगा। उन्होंने कुंभ मेला प्रशासन से आग्रह किया कि जल्द से जल्द कुंभ क्षेत्र में सड़कें, बिजली, पानी, शौचालय के अलावा आश्रम अखाड़ों में नियमित रूप से सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाए। जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सके। इस दौरान महंत अमनदीप सिंह, महंत खेमसिंह, संत रामस्वरूप सिंह, संत सुखमन सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत जसकरण सिंह, संत विष्णु सिंह आदि मौजूद रहे।

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