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मां भगवती के सानिध्य में साधक का जीवन सफल हो जाता है -स्वामी सामेश्वरानन्द गिरि

विक्की सैनी


हरिद्वार 24 अक्टूबर। निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेष्वर व शंकराचार्य आश्रम के परमाध्यक्ष म0म0 स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरि महाराज ने कहा है कि धार्मिक अनुष्ठानों से सम्पूर्ण देष में नई ऊर्जा का संचार होता है और मां दुर्गा की उपासना से आर्तजनों के असंभव कार्य भी संभव हो जाते है। इसलिये मां के चरणों की शरण पाने के लिए हमें सर्वविधि प्रयत्न करना चाहिये। बैरागी कैम्प स्थित शंकराचार्य आश्रम में नवमी पर विष्व कल्याण के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए म0म0 स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरि महाराज ने कहा कि यज्ञ से निकलने वाला धुंआ जहां-जहां आवरण बनाता है वहां का सम्पूर्ण वातावरण पवित्र व शुद्ध हो जाता है। हमें प्रपत्ति भाव से सदैव मां की अराधना करनी चाहिये। देवी मां की कृपा से अनन्त दुख रूप संसार में र्निलिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ साधक मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। मां भगवती की उपासना से भक्तों को लौकिक व पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। मां भगवती का परम सानिध्य जिस व्यक्ति को प्राप्त हो जाता है उसका जीवन स्वयं ही सफल हो जाता है। मां भगवती का स्मरण पूजन हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। मां की भक्ति में वो शक्ति है जिससे साधक में ब्रह्माण्ड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने का सामर्थ आ जाता है। पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले भक्त को सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती है। इस दौरान म0म0 स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरि महाराज ने 51 कन्याओं का विधानपूर्वक पूजन कर लोक कल्याण की कामना की। स्वामी अखण्डानंद महाराज ने कहा कि नवरात्र में की गई साधना साधक के सभी मनोरथ पूर्ण करती है जो दीन दुखी मां के दरबार में आ जाता है मां उसके सभी कष्टों का हरण कर मनवांछित फल प्रदान करती है।

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