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कन्या पूजन से प्रसन्न होती है मां भगवती-राजमाता आशा भारती

राकेश वालिया


हरिद्वार 24 अक्टूबर। निराला धाम की परमाध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा है कि देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन करने से मां भगवती अत्यन्त प्रसन्न होती है। जो श्रद्धालु भक्त नवरात्रौ में विधानपूर्वक कन्याओं का पूजन करते हैं उन्हें अमोघ फल की प्राप्ति होती है। भूपतवाला स्थित निराला धाम आश्रम में कन्या पूजन के पष्चात श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए राजामाता आशा भारती ने कहा कि मां भगवती की उपासना सघन फलदायिनी हैं। जिससे भक्तों के सभी कल्मष धुल जाते हैं और उसके पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। भविष्य पाप, संताप, दैन्य, दुख उसके पास कभी नहीं आते वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा का ध्यान स्मरण, पूजा अराधना सर्वविधि कल्याणकारी है। अपनी शरण में आने वाले श्रद्धालुओं का कष्ट हरना उन्हें मनवांछित फल प्राप्त करती है इसलिये सदैव मां की भक्ति में ध्यान मग्न रहना चाहिये क्योंकि देवी मां की कृपा जिस साधक पर हो जाये उसे आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मन को अनन्य भाव से एकनिष्ठ कर मनुष्य को सदैव ही इनके पदारबिन्दु का स्मरण करना चाहिये। ये भक्तों को भवसागर से पार लगाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कन्याओं के प्रति बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ सभी को आवाज बुलन्द करनी चाहिये। साथ ही समाज को जागरूक होकर कन्याओं के संरक्षण के प्रति कटिबद्ध होना चाहिये। क्योंकि कन्या ही मां, बहन, बेटी आदि का स्वरूप है और जिनके बिना ये सम्पूर्ण जगत अधूरा है क्योंकि मां ही समस्त सृष्टि की पालनहार है। राजमाता आशा भारती के कृपा पात्र षिष्य नित्यानंद ने बताया कि आगामी 27 अक्टूबर को पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा महाराज का जन्मदिवस कोरोना काल के चलते सूक्ष्म रूप में मनाया जायेगा और आश्रम से संचालित विभिन्न प्रकार के सेवा प्रकल्पों के माध्यम से गरीब असहायों को लाभान्वित किया जायेगा।
वहीं दूसरी ओर पूज्य माता लाल देवी ट्रस्ट वैष्णों देवी मंदिर के भक्त दुर्गादास महाराज ने 51 कन्याओं का पूजन कर विष्व कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि देवी स्वरूप कन्यायें ही कलियुग में साक्षात मां भगवती का स्वरूप है जिनके पूजन से प्रसन्न होकर मां भगवती साधक को मनवांछित फल प्रदान करती है।

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