राकेश वालिया
हरिद्वार, 26 अक्टूबर। मोक्षदायिनी मां गंगा के नाम परिवर्तन को लेकर सरकार द्वारा स्क्रेप चैनल का आदेष निरस्त ना किये जाने से संत समाज में रोष बना हुआ है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की फेरूपुर शाखा के महंत निर्मलदास महाराज ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि पतित पावनी मां गंगा लाखों करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रश्न है। युगों युगों से अविरल, निर्मल, बहकर प्राणी मात्र का उद्धार करती चली आ रही मां गंगा की पवित्र जल धारा को स्क्रेप चैनल घोषित किए जाने का आदेश निराधार है। सरकार को हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। स्क्रेप चैनल नाम की घोषणा मात्र राजनीतिक दांवपेंच है। राजनीतिक दलों को सोच समझकर अपनी राजनीति करनी चाहिए। धर्म से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत की जा रही हैं। जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री जल्द से जल्द स्केप चैनल का शासनादेश तुरंत रद्द कर मां गंगा का नाम पुनः मां गंगा ही किया जाना चाहिए। महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि तत्कालीन सरकार द्वारा मां गंगा के नाम से छेड़छाड़ की गयी। लेकिन साढ़े तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक शासनादेश ना बदलना राज्य की सरकार पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द मां गंगा का नाम पुनः मां गंगा घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि एक माह से अधिक समय से तीर्थ पुरोहित समाज स्क्रेप चैनल आदेष निरस्त किये जाने को लेकर हरकी पौड़ी पर धरने पर बैठा है। सरकार इस ओर भी कोई ध्यान नहीं दे रही है। सरकार को अविलम्ब तीर्थ पुरोहित समाज, संत समाज व आमजनमानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए स्क्रेप चैनल के आदेष को निरस्त कर हरकी पौड़ी पर बह रही पवित्र धारा का नाम गंगा पुनः घोषित करे। जिससे बाहर से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु भक्तों को मां गंगा में स्नान को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा ना हो। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज की मांग को जनभावनओं का सम्मान करते हुए पूरा किया जाना चाहिए। जल्द से जल्द सरकार इस मुद्दे को हल कर मोक्षदायिनी मां गंगा की पवित्रता को बनाये रखे।