संपूर्ण विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करनी चाहिए
हरिद्वार 26 अगस्त। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने अफगानिस्तान से सिख परिवारों एवं अन्य नागरिकों की भारत वापसी पर केंद्र सरकार का आभार जताया है। प्रेस को जारी बयान में श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों द्वारा अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोगों की सकुशल वापसी हो सकी है। अफगानिस्तान के हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी थी कि वहां बसे भारतीय लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए। सरकार द्वारा तत्परता दिखाते हुए सूझ-बूझ के साथ भारत के नागरिकों को वतन वापस लाया जा रहा है। जोकि सहासिक कार्य है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के हालातों से सबक लेते हुए संपूर्ण विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करनी चाहिए। भविष्य में आतंकवाद संपूर्ण विश्व के लिए नासूर साबित होगा। इसलिए सभी देशों को एकजुटता दिखाते हुए आतंकवाद पर कड़े कदम उठाने चाहिए। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत देश नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। मोदी जैसे आदर्शवादी एवं धर्मावलंबी प्रधानमंत्री के रहते ही भारत एक सशक्त राष्ट्र बन सकता है। आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार कड़े कदम उठा रही है। और जब-जब भी देश पर कोई विपत्ति आई है। तब संत महापुरुषों ने आगे आकर देश की सहायता की है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म हजारों वर्षों से दुनिया का मार्गदर्शन करता चला आ रहा है। जिस कारण विदेशी ताकतें एवं कुछ कट्टरपंथी लोग धर्म पर कुठाराघात कर उसे तोड़ने की कोशिश कर रहे है।ं लेकिन ऐसे व्यक्ति अपने मंसूबो में कभी कामयाब नहीं हो सकते और ना ही धर्म पर कुठाराघात कभी बर्दाश्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म एवं संस्कृति के माध्यम से युवा पीढ़ी को जागृत होना होगा। और देश की रक्षा के लिए सदैव समर्पित रहना होगा। उन्होंने कहा कि धीरे धीरे पाश्चात्य संस्कृति भारतीय संस्कृति पर हावी हो रही है। ऐसे में हमें अपने बच्चों में सुसंस्कारों को प्रेषित करना होगा। और अपने धर्म की महत्वता को समझाना होगा। जिससे वह धर्म के मार्ग पर अग्रसर होकर राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित रहे। इस अवसर पर महंत अमनदीप सिंह महाराज, महंत रंजय सिंह, महंत खेमसिंह, महंत सतनाम सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत जसकरण सिंह, बीबी विनिन्दर कौर आदि मौजूद रहे।