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श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह बने मोक्षधाम आश्रम के अध्यक्ष

दिव्य संत थे ब्रह्मलीन महंत अमरदेव हरि-महंत जसविन्दर सिंह

हरिद्वार, 4 दिसम्बर। संत समाज ने भूपतवाला स्थित मोक्षधाम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मलीन महंत अमरदेव हरि महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान आश्रम के ट्रस्टियों की सहमति से संत समाज ने श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज को आश्रम का अध्यक्ष नियुक्त किया। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में आश्रम के उत्तराधिकारी गोपाल हरि महाराज आश्रम का संचालन करेंगे। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमरदेव हरि महाराज एक महान संत थे। अपनी तप और विद्धता के माध्यम से उन्होंने धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के साथ भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व सत्य के मार्ग पर अग्रसर किया। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि त्याग व तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन अमरदेव हरि महाराज ने दिव्य संत थे। जिन्होंने समाज कल्याण के लिए कई सेवा प्रकल्पों की स्थापना कर गरीब, असहाय वर्ग की सेवा में योगदान दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण के लिए तत्पर रहना चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों ने हमेशा ही राष्ट्र निर्माण अहम भूमिका निभायी है। ब्रह्मलीन महंत अमरदेव हरि महाराज विद्धान संत थे। धर्म के प्रचार प्रसार और मानव सेवा में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। संत समाज को पूर्ण विश्वास है कि श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में आश्रम के उत्तराधिकारी गोपाल हरि महाराज आश्रम की सेवा पंरपरांओं को आगे बढ़ाएंगे। महंत अमनदीप सिंह महाराज व महंत मोहन सिंह ने कहा कि सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। ब्रह्मलीन महंत अमरदेव हरि महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। उनके निधन से संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। इस अवसर पर स्वामी रामेश्वरानंद हरि, महंत तीरथ सिंह, स्वामी सच्चिदानंद, स्वामी जगदीशानंद गिरी, स्वामी चिद्विलासानंद, महंत स्वामी कमलानंद गिरी, सहित कई संत महंत एवं श्रद्धालु भक्त मौजूद रहें। ट्रस्टी ऋषि भगत, वेदी चैधरी, राकेश सोढ़ी, अशोक कुमार, इन्द्रमोहन, मुरालीलाल, श्यामलाल आदि ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर एवं शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया।

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