विक्की सैनी/राकेश वालिया
हरिद्वार, 16 अगस्त। श्री जुगत निवास आश्रम के परमाध्यक्ष महंत स्वामी गंगादास उदासीन महाराज ने प्रैस बयान जारी करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरिद्वार की तर्ज पर अयोध्या में मदिरा मांस निषिद्ध क्षेत्र घोषित करें। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्म स्थली विशुद्ध रूप से मदिरा मांस रहित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ सरकार संत महापुरूषों को बुलाकर 15 दिनों का राजिम कुंभ मेला मनाती है। उसी प्रकार प्रतिवर्ष 5 अगस्त को अयोध्या में 15 दिन के श्रीराम कुंभ का भव्य आयोजन भी किया जाना चाहिए। ऐसा करने से पूरे विश्व में भगवान श्रीराम मंदिर की अद्भुत पहचान बनेगी। लाखों करोड़ों श्रद्धालु भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हुई हैं। भगवान श्रीराम की अयोध्या स्वर्ग के रूप में नजर आनी चाहिए। अयोध्या की मान मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त मांग को जनहित में पूरा किया जाना नितांत जरूरी है। महंत स्वामी गंगादास उदासीन महाराज ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण अद्भूत, अलोकिक होना चाहिए। देश दुनिया के श्रद्धालुओं की आस्थाएं भगवान श्रीराम के मंदिर से जुड़ी हुई हैं। संत महापुरूषों के अनेकों बलिदानों से अयोध्या में राममंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मास मदिरा का सेवन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाए। किसी की भी धार्मिक भावनाएं आहत ना हों। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन परंपरांओं का निर्वहन कर रहे हैं। सनातन परंपरांओं व संस्कृति को देश दुनिया में अपनाया जा रहा है। उन्होंने न्यायपालिका, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी राममंदिर निर्माण में सहयोग के लिए आभार जताया।