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प्रयागराज की तर्ज पर धार्मिक कलाकृतियों से सजाया जाए हरिद्वार- श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

राकेश वालिया

हरिद्वार, 27 अगस्त। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज से निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने महाकुंभ मेले पर भेंटवार्ता कर चर्चा की। इस दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला अपनी निर्धारित तिथी पर आयोजित किया जाएगा। लोगों को भ्रम की स्थिति में नहीं रहना चाहिए। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति सनातन परंपरांओं का केंद्र बिन्दु है। आस्थावान बिना किसी निमंत्रण के कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आगमन करते हैं। सरकार को लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए अपनी तैयारियां समय पर पूर्ण करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन किस स्वरूप में होगा यह अंतिम समय में फैसला लिया जाएगा। लेकिन सरकार को कंुभ मेले से जुड़े सभी कार्य समय से पूर्ण करने चाहिए। संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र को प्रयागराज की तर्ज पर धार्मिक कलाकृतियों द्वारा सजाया जाना चाहिए। सभी अखाड़ों के पेशवाई मार्ग पूर्ण रूप से दुरूस्त किए जाएं। पेशवाई मार्गो का निर्माण तेजी के साथ किया जाना चाहिए। आधे अधूरे निर्माण भी पूरे किए जाएं। जिससे बाहर से आने वाले संत महापुरूषों को किसी भी प्रकार की असुविधाओं का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विचार विमर्श किया। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चाक चैबंद व्यवस्थाएं की जाएंगी। किसी भी प्रकार की चूक नहीं की जाएगी। कुंभ कार्यो को भी सरकार युद्ध स्तर से पूरा करने की भरपूर कोशिशें कर रही है। भीड़ नियंत्रण करने के लिए पुलिस प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं। उन्होंने कहा कि संत महापुरूषों के आशीर्वाद से कुंभ मेला सकुशल संपन्न होगा। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिन्दु है। सरकार को कुंभ मेले की तैयारियां तेजी के साथ करनी चाहिए। आश्रम अखाड़ों मठ मंदिरों के सौन्दर्यकरण के काम भी तेजी के साथ हों। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला आयोजन में समय कम होने के कारण प्रशासन को मेला कार्यो में युद्ध स्तर से तेजी लानी चाहिए। अक्टूबर नवंबर से संपूर्ण देश संत महंत हरिद्वार आगमन करने लगेंगे। इसको देखते हुए सरकार को सभी तैयारियां जल्द पूरी करनी चाहिए। ताकि किसी भी संत महापुरूष को असुविधा का सामना ना करना पड़े। इस दौरान श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत लखन गिरी, श्रीमहंत ओंकार गिरी आदि मौजूद रहे।

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