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गुरु के प्रति समर्पण व आस्था का पर्व है गुरु पूर्णिमा-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

विक्की सैनी

हरिद्वार, 5 जुलाई। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने गुरु पूर्णिमा पर्व पर चरणपादुका मंदिर में पूजा अर्चना की। कोरोना के चलते उन्होंने पहले ही सभी से घरों में ही पर्व मनाने का आग्रह किया था। इसलिए बड़ी ही सादगी के साथ पर्व मनाते हुए केवल मंदिर के सेवादार, शिष्यों को आशीर्वाद प्रदान किया। धर्मनगरी के श्रद्धालु भक्तों ने उनकी पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया। रविवार को कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते इस बार गुरु पूर्णिमा पर्व बेहद ही सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से आशीर्वाद लिया। मदन कौशिक ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा सदियों से भारतीय संस्कृति में चलती आ रही है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही उनके अनुयायी अपने जीवन को सद्मार्ग की ओर से ले जा सकते हैं। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति समर्पण व आस्था का पर्व होता है। आदिकाल से ही सनातन धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता है। सादा जीवन, उच्च विचार गुरुजनों का मूल मंत्र और तप व त्याग ध्येय। लोकहित के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देना और शिक्षा प्रदान करना जीवन आदर्श है। प्राचीन काल में गुरु ही शिष्य को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह का ज्ञान देते थे। आजकल विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा देने वाले शिक्षक को और लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान देने वाले को गुरु कहा जाता है। शिक्षक कई हो सकते हैं, लेकिन गुरु एक ही होते हैं। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, महंत आलोक गिरी, स्वामी राजपुरी, धनजंय गिरी, मनसा देवी मंदिर की ट्रस्टी बिंदु गिरी, प्रो.डा.सुनील कुमार बत्रा, गुलशन टूटेजा, प्रतीक सूरी, सुंदर राठौर आदि उपस्थित रहे।

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