राकेश वालिया
हरिद्वार, 5 फरवरी। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज द्वारा कुछ दिन पूर्व जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज एवं किन्नर समुदाय के खिलाफ की गई बयानबाजी पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रैस को जारी बयान में स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि प्रत्येक अखाड़े के अपने अलग नियम व कायदे हैं। किसी भी संत महापुरुष को किसी अन्य अखाड़े के कार्य में बाधा डालने का कोई अधिकार नहीं है। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज को अपनी मर्यादा में रहकर ही कोई भी बयानबाजी करनी चाहिए। जूना अखाड़े के खिलाफ किसी भी प्रकार की अनर्गल टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी 13 अखाड़ों में जूना अखाड़ा अपना एक अलग महत्व रखता है। देश दुनिया से लोग कुंभ मेले के दौरान नागा साधुओं को देखने के लिए आते हैं। श्रीमहंत हरीगिरी महाराज के नेतृत्व में जूना अखाड़ा प्रतिदिन नित नए आयाम स्थापित कर रहा है और धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि किन्नर भी समाज का अंग हैं, जो जूना अखाड़े के साथ रहकर कुंभ मेले में धर्म की पताका को फहराएंग।े किसी भी संत महापुरुष को उन पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज अपनी मर्यादा में रहकर ही कोई बयान बाजी करें जूना अखाड़े के संतों के खिलाफ किसी भी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वामी देवानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रीमहंत हरिगिरी महाराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हैं। उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की अनर्गल टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।