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ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज का श्रद्धांजलि समारोह मनाया

महान एवं तपस्वी महापुरुष थे स्वामी हरिद्वारी दास- स्वामी ऋषिश्वरानंद

हरिद्वार। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन का परोपकार के लिए समर्पित रहता है। संत अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। जो व्यक्ति संतों की शरण में आ जाता है उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। नीलधारा चंडीघाट स्थित प्राचीन श्री हरिहर उदासीन आश्रम मछला कुंड के वार्षिक आयोजन एवं ब्रह्मलीन महंत हरिद्वारी दास महाराज की सोलहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर संत समागम को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत हरिद्वारी दास महाराज एक महान एवं तपस्वी महापुरुष थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित किया। संत समाज ऐसे महान पुरुषों को नमन करता है। उनके अधूरे कार्य को पूर्ण करते हुए महंत गंगादास महाराज राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। बाबा हठयोगी एवं महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि संतो के दर्शन मात्र से पापों से निवृत्ति एवं पुण्य की प्राप्ति होती है। संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन महंत हरिद्वारी दास महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि योग्य गुरु को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। महंत गंगादास महाराज ऊर्जावान संत है जो अपने सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए श्री हरिहर उदासीन आश्रम मछला कुंड के महंत गंगादास महाराज ने कहा कि संतों की सेवा करते हुए संपूर्ण भारतवर्ष में सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि उनके गुरु द्वारा गंगा तट से प्रारंभ किए गए सेवा प्रकल्पों में वह लगातार बढ़ोतरी कर रहे हैं। समाज सेवा ही उनके जीवन का लक्ष्य है। इस अवसर पर महंत प्रहलाद दास, महंत शिवानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत सूरज दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत श्याम प्रकाश, स्वामी विनोद महाराज, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, महंत रघुवीर दास, महंत प्रमोद दास, मनोज महंत, स्वामी गंगादास उदासीन, महंत अरुण दास सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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