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संत महापुरुषों के सानिध्य में मनाया गया पुरुषार्थ आश्रम का स्थापना दिवस


संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है – महामनीषी निरंजन स्वामी


हरिद्वार। भारतमाता पुरम स्थित पुरुषार्थ आश्रम का स्थापना दिवस संत महापुरुषों के सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान इक्कीस  विद्वान ब्राह्मणों द्वारा हवन यज्ञ कर विश्व कल्याण की कामना की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है। सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना ही संतों का मूल उद्देश्य है। भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत और सनातन पद्धति के माध्यम से वर्तमान में पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। संत महापुरुष अपने तप और विद्वत्ता के माध्यम से विश्व भर में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर धर्म की पताका को फहरा रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब भारत स्वयं को विश्व गुरु के रूप में गौरवान्वित करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक साजिश के तहत बार-बार लगातार सनातन धर्म को निशाना बनाया जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धर्म विरोधी ताकतों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा। सनातन धर्म शांतिप्रिय और सबका कल्याण करने वाला है। लेकिन कुछ तथाकथित लोग समाज का खंडन कर विद्वेष फैलाने का कार्य कर रहे हैं। संत समाज अब इन ताकतों के खिलाफ एकजुट हो चुका है राष्ट्र की एकता खंडिता बनाए रखने के लिए सभी को एक मंच पर आना होगा। स्वामी आयुष कृष्ण नयन महाराज ने कहा कि महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज भारत सहित देश विदेश में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। संत समाज उनके दीर्घायु और उज्जवल भविष्य की कामना करता है। इस अवसर पर योगी सत्यव्रतानंद, अभिनव गोयल, मंजू गोयल आचार्य महेंद्र त्रिपाठी, प्रेम प्रताप मेहता सहित अनेक श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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