हरिद्वार, 23 जून। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की त्रयंबकेश्वर शाखा के महंत चंद्रकांत पुरी के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने महंत चंद्रकांत पुरी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनके निधन से अखाड़े व संत समाज को गहरा आघात लगा है। ब्रह्मलीन महंत चंद्रकांत पुरी महान तपस्वी संत थे। उन्होंने सदैव संत समाज की पंरपरांओं का पालन करते हुए अखाड़े की उन्नति में योगदान दिया। उनके निधन से जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। श्री जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत चंद्रकांत पुरी विद्वान संत थे। जिन्होंने जीवन पर्यन्त भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया। ऐसे महापुरूष के ब्रह्मलीन होने से संत समाज में शोक की लहर है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत चंद्रकांत पुरी महाराज समस्त संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। उनका तपस्वी जीवन सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर युवा संतों को धर्म के संरक्षण संवर्द्धन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए। अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों के तपोबल से पूरे विश्व में भारत का एक अलग स्थान है। ब्रह्मलीन महंत चंद्रकांत पुरी के विचार व उनका कृतित्व सदैव सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। महामण्डलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि राष्ट्र निर्माण व धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में ब्रह्मलील महंत चंद्रकांत पुरी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। महंत कृष्णानंद व महंत सूर्यमोहन गिरी महाराज ने बताया कि ब्रह्मलीन महंत चंद्रकांत पुरी का जन्म ऋषिकेश के समीप एक गांव में हुआ था। वह पिछले कई वर्षो से त्रयंबकेश्वर में अखाड़े की उन्नति में अपना योगदान कर रहे थे। उनके निधन से अखाड़े को भारी क्षति हुई है। महंत रामेश्वरानंद सरस्वती, महंत सत्यानंद गिरी, महंत अमनदीप सिंह, संत जरनैल सिंह, महंत दामोदर शरण दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत निर्मल दास, स्वामी शिवानंद, स्वामी शरदपुरी, बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत देवेंद्र दास, महंत सत्यव्रतानंद, महंत दुर्गादास, महंत रघुवीर दास, महंत विष्णुदास, महंत बिहारी शरण, महंत प्रहलाद दास सहित कई संत महंतों ने ब्रह्मलीन महंत चंद्रकांत पुरी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें महान संत बताया।
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