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सत्य एवं भक्ति के समन्वय से होता है भगवान का आगमन – स्वामी केशवानंद

विक्की सैनी

भागवत कथा में गोवर्धन पूजा के साथ हुआ छप्पन भोग के दर्शन
हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार रामगढ़ मोहल्ले स्थित श्रीगरीबदास परमानंद आश्रम में श्राद्ध पक्ष में चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के पांचवें दिन कथा व्यास महंत केशवानंद महाराज ने अपने श्रीमुख से गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनाई। जिसे सुनकर श्रद्धालु भक्त भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने बाल कृष्ण की अनेकों बाल लीलाओं का वर्णन करने के पश्चात गोवर्धन पूजा एवं इन्द्र के मान मर्दन की दिव्य कथा विस्तार से सुनाई।
सोमवार को श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ की पूजा अर्चना मुख्य यजमान कपिल गिरि, सपत्नी आरती देवी ने की। इसके बाद कथाव्यास ने गोवर्धन पूजा की कथा की विस्तार दिया। इस अवसर पर भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराये गये। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। गाय का दूध अमृत के समान बताया। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को कथाव्यास के द्वारा विधि विधान से कराई गई। कथा व्यास ने अपने सुरीले कंठ से संगीत की मधुर स्वर लहरियों पर मैं तो गोवर्धन कूं जाऊं मेरे वीर नांप मानै मेरो मनुवा, श्री गोवर्धन महाराज-महाराज तिहारे माथे मुकुट विराज रयौ आदि अनेकों मनमोहक भजन सुनाकर भक्तों को झूमने एवं नृत्य करने को विवश कर दिया। अन्त में आरती के पश्चात सभी को छप्पन भोग का दिव्य प्रसाद वितरित कराया गया। इस अवसर पर सोनू गिरि, चांद गिरि, राहुल गिरि सहित समस्त गिरि परिवार उपस्थित रहा।

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