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स्वामी कैलाशानंद गिरी ने 101 कन्याओं का पूजन कर आशीर्वाद लिया

हरिद्वार, 14 अक्टूबर। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कन्या पूजन कर देश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान 101 कन्याओं का पूजन कर उन्हें मां की चुनरी और नारियल भेंटकर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने उनसे आशीर्वाद लिया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र में कन्या पूजन से व्यक्ति को सुख समृद्धि प्राप्त होती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है। देवी रूपी कन्या बालस्वरूप में अपने अंतर्मन से भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर उनके जीवन को करतार करती हैं। नवमी के दिन नौ कन्याओं का पूजन करने से नवरात्रि का संकल्प पूर्ण होता है और साधक को सभी मनोरथ की प्राप्ति होती है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज देश में बालिकाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखकर लोगों को सजग रहने की आवश्यकता है। सभी को जागरूक होकर बालिकाओं के संरक्षण संवर्धन के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। बाल रूपी कन्या साक्षात देवी भगवती का स्वरूप होती हैं। जिनके दर्शन मात्र से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि पर्व व्यक्ति के जीवन में धार्मिक उर्जा का संचार करता है। जिससे उसके मन के साथ-साथ तन का भी शुद्धिकरण हो जाता है। मां भगवती की आराधना भक्तों को सहस्त्र गुणा पुण्य फल प्रदान करती है और जो श्रद्धालु भक्त मां की शरण में आ जाते हैं। उनका जीवन स्वयं ही सफल हो जाता है। मां भगवती अपने भक्तों को यश और गौरव प्रदान करने वाली है। जिनके पूजन से घर में संपन्नता आती है और दरिद्रता का नाश होता है। मां की आराधना करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कठिन से कठिन कार्य सहज रूप से ही हल हो जाता है और उसे सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। क्योंकि मां भगवती सभी का कल्याण करने वाली है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि वर्तमान में आज भी बहुत सारे लोग साक्षरता के अभाव में कन्याओं के जन्म पर दुखी हो जाते हैं। कन्या और महिलाओं के प्रति सभी को अपनी सोच बदलनी होगी और देवी तुल्य कन्या और महिलाओं का सम्मान करना होगा, क्योंकि कन्याओं के आशीर्वाद से ईश्वर पूजा की बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है और जिस घर में नारी का सम्मान होता है। वह ईश्वर स्वयं निवास करते हैं। इसलिए सभी को नवरात्र सहित संपूर्ण जीवन काल में नारी के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण बनाना चाहिए। तभी एक सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। इस अवसर पर स्वामी अवंतिका नंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पांडे, आचार्य प्रबंधक मिश्रित आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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