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नवरात्र मूल प्रकृति आदि शक्ति की उपासना का पर्व है। -भक्त दुर्गादास

हरिद्वार, 14 अक्टूबर। माता लाल देवी ट्रस्ट वैष्णो देवी मंदिर के अध्यक्ष भक्त दुर्गादास ने नवरात्रि पर कन्या पूजन कर कन्याओं से आशीर्वाद लिया और उन्हें विभिन्न प्रकार के उपहार भेंट किए। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नवरात्र मूल प्रकृति आदि शक्ति की उपासना का पर्व है। जो जीवन से जुड़े नवरंग को निखारता है। नवरात्र में की गई मां भगवती की विशेष आराधना से जीवन में अपार खुशियां आती हैं और आनंद और सुख की अनुभूति होती है। मां भगवती करुणामई और ममतामई है। जो अपने भक्तों का संरक्षण कर उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करती है। श्रद्धा पूर्वक मां की आराधना करने वाले श्रद्धालु भक्तों का कल्याण अवश्य ही निश्चित है। निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि नवरात्रि में इंसान अपने अंदर की नकारात्मकता पर विजय प्राप्त कर सकता है और स्वयं के आलौकिक स्वरूप से साक्षात्कार कर सकता है। देवी भगवती की आराधना से आत्म शक्ति और मानसिक शक्ति को प्राप्त कर व्यक्ति स्वयं को सफल बनाता है। मां भगवती परम कल्याणकारी है और अपने भक्तों के दुखों को हरने वाली है। मां की आराधना से हमें यश वैभव और वैराग्य की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के अवसर पर प्रत्येक व्यक्ति को मां की आराधना विधि विधान पूर्वक करनी चाहिए। मां भगवती अपने भक्तों की सूक्ष्म आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती है। नवरात्रि में 9 दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना करने से मां के आशीर्वाद स्वरुप हमें एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है। जिससे हम अच्छाई के मार्ग पर अग्रसर हो सके और यही नवरात्र पर्व का सार भी है।

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