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मठ मंदिरों के अधिग्रहण को बर्दाश्त नहीं करेगा संत समाज-महंत लोकेश दास

हरिद्वार, 9 नवम्बर। मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन को लेकर दिल्ली के कालकाजी मंदिर में आयोजित होने वाले आंदोलन में बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए जगन्नाथ धाम के अध्यक्ष महंत लोकेश दास महाराज ने संत समाज से एकजुट होने का आवाहन किया है। प्रैस को जारी बयान में महंत लोकेश दास महाराज ने कहा कि सरकारों को मात्र हिंदू मठ मंदिरों अधिग्रहण करना आता है। जो मठ मंदिर खंडीत अथवा दुर्गम अवस्था में है उस पर सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं जाता। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब संत समाज को एकजुट होकर सरकार को चेताना चाहिए। मात्र हिंदू मठ मंदिरों को निशाना बनाना सरकार की धर्म विरोधी नीति को दर्शाता है। जिसे संत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि तीर्थ एवं मठ मंदिरों के पैसों का सरकार द्वारा अधिग्रहण करके दुरुपयोग किया जाता है। संत समाज सदैव ही दान पुण्य से मिलने वाले पैसों से ही सेवा के प्रकल्प संचालित करते हैं और हर विपरीत परिस्थिति में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। फिर भी सरकार मात्र हिंदू मठ मंदिरों को ही अधिग्रहण क्यों करती है। इसका वह जवाब दें। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द अधिग्रहण हुए मठ मंदिरों को मुक्त करें अन्यथा आगामी चुनावों में इसका नतीजा सभी सरकारों को भुगतना पड़ेगा। महंत अरुण दास महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति की ओर से आयोजित होने वाले मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन के माध्यम से सरकार को जागृत किया जाएगा और समस्त संत समाज एकजुट होकर आवाहन करेगा कि आगे से किसी भी मठ मंदिर पर सरकार अथवा के शासन का कोई कब्जा ना हो। उन्होंने कहा कि संतों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धार्मिक संपत्ति धर्म एवं सेवा के कार्यों के लिए अर्जित की जाती है और संतो ने सदैव ही समाज की सेवा कर एक नई दिशा प्रदान की है। अब सरकारों को संतो के मठ मंदिरों से छेड़छाड़ कतई नहीं करनी चाहिए। वरना उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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