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श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने किया जूना अखाड़े का समर्थन

राकेश वालिया

हरिद्वार, 16 जनवरी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला पंरपरागत रूप से दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। निरंजनी अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार के आयोजन को लेकर अखाड़ा परिषद का शुरू से ही स्पष्ट रूख रहा है कि कुंभ कमरों में नहीं बल्कि परंपरागत रूप से भव्य व दिव्य रूप से ही संपन्न होगा। कंुभ के दौरान अखाड़ों की छावनियां स्थापित होंगी। महामण्डलेश्वर नगर भी बसाया जाएगा। अन्य जो भी व्यवस्थाएं अखाड़ों के लिए होती हैं। सभी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि अखाड़े कुंभ का प्रमुख अंग हैं। कुंभ के दौरान सभी तेरह अखाड़ों से जुड़े संत महापुरूष, नागा संयासी स्नान के लिए हरिद्वार आते हैं। इस वर्ष होने जा रहे कुंभ में भी सभी अखाड़ों के संत महापुरूष, नागा संयासी, खालसे हरिद्वार आएंगे। देश भर से लाखों की संख्या में आने वाले संतों के निवास के लिए अखाड़ों की छावनियां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। यदि सरकार व्यवस्था नहीं करती है तब अखाड़े अपने संसाधनों से सभी व्यवस्थाएं करेंगे। इस संबंध में सरकार व मेला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। सरकार को अखाड़ा परिषद, संत समाज व श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करते हुए संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि समय कम रह गया है। लेकिन कुंभ कार्य अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। सरकार व मेला प्रशासन को तत्परता से कार्य करते हुए सभी कार्य पूरे कराने चाहिए। जिससे कुंभ मेले के दौरान अखाड़ों, संत समाज व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।

जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरी द्वारा कुंभ कार्य पूरे नहीं होने का जो मुद्दा उठाया गया है। उसका वे पूर्ण समर्थन करते हैं। वास्तविकता यही है कि कुंभ कार्य अभी तक अधूरे हैं। पूरे कुंभ क्षेत्र में विकास कार्य कहीं भी धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं। सड़कों का निर्माण ही पूरा नहीं हो पाया है। फ्लाईओवर व पुलों का निर्माण भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जिससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि सरकार कुंभ को लेकर गंभीर नहीं है।

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