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श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने की अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी से भेंटवार्ता

जन-जन के आराध्य हैं भगवान श्रीराम-रविन्द्रपुरी महाराज

हरिद्वार, 4 दिसम्बर। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से भेंट वार्ता की और राम मंदिर निर्माण पर चर्चा की। इस दौरान चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में संत महापुरुषों की अहम भूमिका रही है और संत समाज एवं राम भक्तों के बलिदान से ही राम मंदिर निर्माण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में संत समाज ने बढ़-चढ़कर सहयोग प्रदान किया है। इसके लिए समस्त समाज संतों का आभारी है। संत महापुरुषों के नेतृत्व में ही देश लगातार धर्म एवं संस्कृति के नए आयाम स्थापित कर रहा है और युवा पीढ़ी धर्म के प्रति जागृत हो रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में निर्मित होने वाला राम मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और सभी मंदिर के दर्शन के लिए अति उत्सुक हैं। संतों के आशीर्वाद से जल्द ही प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर स्थापित होगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कई वर्षों के बाद वह शुभ घड़ी आई है कि जब प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में निर्मित होने जा रहा है। प्रभु श्रीराम जन-जन के आराध्य है और वह प्रत्येक भारतवासी के हृदय में विराजमान है। राम मंदिर का निर्माण आस्था का विषय है। जिसके प्रतीक्षा करोड़ों श्रद्धालु भक्तों को वर्षों से थी। लंबे संघर्ष और हजारों बलिदानों के बाद राम भक्तों की प्रतीक्षा पूरी हुई है। संत समाज एवं सभी राम भक्तों के सहयोग से मंदिर निर्माण संभव हो पाया है। राम मंदिर निर्माण से अयोध्या सहित पूरे देश की दशा और दिशा बदलेगी और संपूर्ण विश्व को धर्म का एक सकारात्मक संदेश प्रसारित होगा। उन्होंने कहा कि संत महापुरुषों का तपोबल सदैव ही समाज के हित में होता है और संत सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। अयोध्या में निर्माणाधीन प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर विश्व दर्शनीय एवं विश्व वंदनीय होगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने यह भी कहा कि मठ मंदिरों का अधिग्रहण रोकने के लिए विहिप को कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अखाड़े, संत महापुरूष एवं पुरोहित ही मठ मंदिरों का कुशल संचालन एवं बेहतर देखरेख कर सकते हैं। केंद्र सरकार को मठ मंदिरों का अधिग्रहण रोकने व अधिग्रहित मंदिरों को मुक्त करने के लिए कानून बनाना चाहिए। इस पर विहिप नेता अशोक तिवारी, नितिन गौतम, अनुज वालिया आदि मौजद रहे।

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