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कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है भगवान शिव की उपासना-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी

विक्की सैनी

हरिद्वार, 10 जुलाई। श्री दक्षिण काली पीठीधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने श्रावण मास में मंदिर परिसर में भगवान शिव के निमित्त आयोजित विशेष अनुष्ठान के दौरान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना करते हुए कहा कि ज्योति स्वरूप भगवान शिव सतधर्म, सतज्ञान प्रदान कर सताचरण की धारणाओं को ब्रह्म द्वारा स्थापित कर सृष्टि का संचालन करते हैं और श्रावण मास में अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। जो श्रद्धालु भक्त भगवान शिव के श्रणागत हो जाता है। महादेव उसका बेड़ा पार लगाते हैं। उन्होंने कहा कि भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि भगवान शिव को अति प्रिय हैं। विधानपूर्वक की गयी शिव उपासना से सहस्त्र गुणा पुण्य फल की प्राप्ति होती है। व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है और उसका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। महादेव भगवान शिव की आराधना सदैव कल्याणकारी होती है। श्रावण माह भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पात्र करने का सबसे बेहतर अवसर है। श्रावण में प्रतिदिन विधि विधान से भगवान शिव का पूजन व जलाभिषेक करने पर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। शिव कृपा से साधक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाते हैं। इस समय पूरा संसार कोरोना वायरस से पीड़ित है। संसार का कल्याण करने वाले भगवान शिव की कृपा से कोरोना का प्रकोप जल्द समाप्त होगा। भक्त की सूक्ष्म आराधना से ही भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भक्तों को भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। भक्तों की सभी मनोकामनाएं भोलेनाथ की कृपा से पूर्ण होती हैं। कष्टों से मुक्ति पानी है तो भगवान शिव का स्मरण करते रहें। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में श्री दक्षिण काली मंदिर में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक किया जाता है। श्रावण मास में भक्तजनों को सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी चाहिए। उन्होंने शिव भक्त कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते धर्मनगरी में शिव भक्त कांवड़ियों के आगमन पर रोक लगायी गयी है। ऐसे में शिवभक्त कांवड़ियों को सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए घर में रहकर ही भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, स्वामी विवेकानंद ब्र्हम्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, अंकुश शुक्ला, सागर ओझा, अनूप भारद्वाज, पंडित शिवकुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

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