राकेश वालिया
हरिद्वार, 27 फरवरी। संत शिरोमणी गुरू रविदास जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि गुरु रविदास महाराज ने अपने आध्यात्मिक विचारों से संपूर्ण संसार को एकता एवं भाईचारे का संदेश दिया। संत रविदास सर्वसमाज के लिए भगवान तुल्य हैं। कुरीतियों को दूर कर उन्होंने समाज को नई दिशा प्रदान की। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। मायापुर स्थित निरंजनी अखाड़े के प्रैस को जारी बयान में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि संत शिरोमणी गुरू रविदास महाराज के जीवन से सभी को प्रेरणा लेकर समाज सेवा में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संत महापुरुषों के उपदेश सदा प्रेरणादायी होते हैं। गुरु रविदास के विचार आज भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं। सर्व समाज के प्रेरणा स्रोत संत रविदास महाराज ने संपूर्ण समाज को परस्पर एकजुट कर प्रेम पूर्वक रहने का संदेश दिया। उन्होंने ईश्वर भक्ति के लिए सदाचार, परहित भावना तथा सद्व्यवहार का पालन करने का संदेश दिया। ऐसे महापुरुष का जीवन सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास ने कभी गंगा स्नान नहीं किया। क्योंकि उनका मानना था कि उनकी कटौती में ही पतित पावनी मां गंगा विराजमान है। गुरु रविदास की वाणी भक्ति की भावना, समाज हित की कामना तथा मानव प्रेम से ओतप्रोत थी। गुरु रविदास के जीवन से सभी को प्रेरणा मिलती है। मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि गुरु रविदास की वाणी से प्रभावित होकर मीराबाई भी उनकी शिष्या बन गई थी। गुरु रविदास के उपदेश आज भी प्रासंगिक है और समाज के कल्याण एवं उत्थान के लिए महत्वपूर्ण हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि विचारों की श्रेष्ठता समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा शब्द व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। गुरु रविदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और वर्तमान में भी लोग इनका श्रद्धा पूर्वक स्मरण करते हैं। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए।