-गौ संरक्षण व जनसंख्या नियंत्रण के मामले में जगद्गुरु ने की असम के मुख्यमंत्री की सराहना
-गगा दशहरा और निर्जला एकादशी पर हरिद्वार में तीन दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन
हरिद्वार। गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूरे देश में गौ संरक्षण कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की सलाह दी है। इस मामले में उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा की सराहना की है।
गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय यज्ञ-अनुष्ठान एवं धार्मिक परिचर्चा के दौरान जगद्गुरु अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने देश में गौ हत्या, गोवंश की तस्करी और जबरदस्ती या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर घोर चिंता व्यक्त की।
शंकराचार्य ने कहा कि जब तक भारत देश में गायें कटेंगी, तब तक धर्म की जय नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि असम के नये मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने शपथ ग्रहण करते ही गौवंश के संरक्षण के लिये कठोर कानून लाने की बात की है। इससे देश की आम जनता और संत समाज में खुशी का माहौल है। हेमंत विश्व शर्मा के इस प्रयास से पूर्वोत्तर भारत से गोवंश की तस्करी पर रोक लगेगी।
स्वामी देवतीर्थ ने कहा कि असम के नये मुख्यमंत्री ने जनसख्या नियंत्रण पर भी कठोर कानून लागू करने की बात की है, जो स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि भारत में सूर्योदय पूर्वोत्तर से ही होता है। ऐसे में लगता है कि पूर्वोत्तर में एक सशक्त नेता के अभ्युदय से पूर्वोत्तर के राज्य गौ हत्या से मुक्त होंगे।खुशहाली आयेगी ।
देश के विभिन्न भागों विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में जोर जबरदस्ती और प्रलोभन के बल पर हो रहे धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर घोर चिंता व्यक्त करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि धर्म नितांत व्यक्तिगत विषय है। सनातन संस्कृति के धर्माचार्य और संत कभी भी किसी का धर्म परिवर्तन जोर जबरदस्ती या प्रलोभन के माध्यम से नहीं करते हैं। लेकिन देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ मिशनरियां अथवा संस्थायें इस गलत कार्य में संलग्न हैं, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। इसके लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री एवं प्रशासकीय व्यवस्थाओं से भी सहयोग की अपेक्षा की है।
इस अवसर पर निर्मोही अनी अखाड़ा के मुखिया राजेंद्र दास ने भी गौ संरक्षण, जनसंख्या नियंत्रण और जोर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के मुद्दों पर सारगर्भित विचार व्यक्त किये। निर्मोही अखाड़ा के मुखिया ने इन मामलों में असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा के नजरिये की सराहना की और कहा कि देश के हर प्रान्त के मुख्यमंत्री को हेमंत विश्व शर्मा का अनुसरण करना चाहिये ताकि सनातन संस्कृति का पवित्र ध्वज समूचे विश्व में फहराये और देश उन्नति पथ पर आगे बढे।
गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी के अवसर पर यह तीन दिवसीय कार्यक्रम निर्मोही अखाड़ा कनखल में किया गया। इस दौरान यज्ञ समेत कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हुए, जिसमें कोरोना प्रोटोकाल के तहत देश भर के साधु संतों ने भागीदारी की और देश की सुख, शांति व समृद्धि और विश्वकल्याण हेतु गंगा मइया से प्रार्थना की।