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ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज तपस्वी संत थे -श्रीमहंत साधनानंद

विक्की सैनी

हरिद्वार, 1 फरवरी। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज को संत समाज ने भूपतवाला स्थित बाबा अमीर गिरी धाम पहुंचकर श्रद्धांजलि प्रदान की। इस दौरान अग्नि अखाड़े के श्रीमहंत साधनानंद महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदैव उपस्थित रहती है। ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज एक तपस्वी संत थ।े जिन्होंने सदैव गरीब असहाय लोगों की सहायता कर मानव सेवा का परिचय दिया। राष्ट्रहित के मुद्दों को समय-समय पर जनता के समक्ष उठाकर उन्होंने समाज को जागृत किया और एक नई दिशा प्रदान की। राष्ट्र कल्याण में उनके अहम योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। कोरोना काल में उनके द्वारा की गई मानव सेवा का संपूर्ण समाज साक्षी है। उनका असमय ब्रह्मलीन हो जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव नमन करता है। गीता मनीषी साध्वी राधा गिरी महाराज ने कहा कि पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरि महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने सदैव भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की पताका को विश्व भर में फहराया। गंगा संरक्षण के लिए उनके द्वारा किया गया आंदोलन समूचे हरिद्वार के लिए हितकारी रहा। उन्हीं के बताए आदर्शो पर चलकर उनके अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा और उनके द्वारा प्रारंभ किए गए सेवा प्रकल्प में निरंतर वृद्धि कर संत समाज एवं गरीब असहाय लोगों की सेवा की जाएगी। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे। जो अपने कुशल व्यवहार व बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने सदैव भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म के संरक्षण संवर्द्धन के लिए प्रेरित किया। इस दौरान महंत बुद्ध गिरी, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत विनोद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, स्वामी सत्यव्रतानंद, महंत श्याम प्रकाश, महंत सूरज दास, महंत अरुण दास, महंत सुमित दास, महंत दुर्गादास, महंत सच्चिदानंद, स्वामी शिवानंद, महंत रामकृष्ण दास, महंत कमल दास आदि संत मौजूद रहे।

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