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महाराष्ट्र में तत्काल लगाया जाए राष्ट्रपति शासन – महंत जसविन्दर सिंह

विक्की सैनी

हरिद्वार, 15 अक्टूबर। महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनलाॅक फाईव में भी मठ मंदिर नहीं खोले जाने पर संत समाज ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में संतों की बैठक में कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि संपूर्ण देश में मठ मंदिर आश्रम खोल दिए गए हैं। मात्र महाराष्ट्र सरकार द्वारा मठ मंदिरों को नहीं खोला जाना सनातन धर्म पर कुठाराघात है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र में तत्काल रूप से राष्ट्रपति लगाया जाए और आश्रम, अखाड़ों, मठ मंदिरों को दर्शनार्थ हेतु खोला जाए। उन्होंने कहा कि खुद को कट्टर हिंदूवादी बताने वाली शिवसेना हिंदु आस्थाओं पर ही कुठाराघात कर रही है। महाराष्ट्र में बार, रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें खोल दी जाती हैं। मंदिर खोले जाने को लेकर हिंदुओं के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। श्रद्धालु भक्तों की भावनाएं आहत हो रही हैं। महाराष्ट्र सरकार भक्तों के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग व मूंह पर मास्क आदि के आदेशों का पालन श्रद्धालु भक्त मठ मंदिरों में कर रहे हैं। प्रबंधकों द्वारा भी मंदिरों में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उसके बावजूद भी महाराष्ट्र सरकार हठधर्मी दिखाते हुए मठ मंदिर नहीं खोल रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अंहकार में डुबी हुई है। हिंदुओं व संतों पर दम भरने वाली सरकार ओछी मानसिकता दिखाकर ऐसे कार्यो को कर रही है। संत समाज लगातार महाराष्ट्र सरकार से मठ मंदिर खोले जाने की अपील कर रहा है। लेकिन हठधर्मिता के चलते संतों की मांगों को भी नहीं माना जाना महाराष्ट्र सरकार की लचर प्रणाली का दर्शा रहा है। पूरे देश में मठ मंदिर व अन्य व्यवसायिक केंद्र खुल चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार को भी हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिरों को अतिशीघ्र खोल देना चाहिए। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि महाराष्ट्र में मठ मंदिरों को नहीं खोला जाना सरकार की ंिहंदु विरोधी भावना का दर्शाता है। पालघर में हुई संतों की निर्मम हत्या कर दी गयी। उस मामले में भी सरकार द्वारा कोई भी गंभीरता ना बरतना महाराष्ट्र सरकार की ंिहंदू विरोधी नीति को दर्शाने जैसा है। कोरोना काल मठ मंदिरों में पूजा अर्चना से ही समाप्त होगा। धार्मिक अनुष्ठानों में अपार शक्तियां होती हैं। लेकिन सरकार मठ मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोल रही। जोकि सरासर गलत है। अतिशीघ्र मठ मंदिर नियमों के तहत श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएं। इस दौरान महंत सतनाम सिंह, महंत खेम सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सुखमन सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत विष्णु सिंह, संत रामस्वरूप सिंह आदि मौजूद रहे।

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