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बड़ा अखाड़ा विवाद – अपने दुर्व्यवहार और नासमझी के कारण समाज में तिरस्कृत हो रहे महंत दुर्गादास और उनके साथी संत

गौरव रसिक/योगेश पांडे

हरिद्वार 19 जून। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में चल रहे विवाद के बीच अब दुर्गादास गुट और उनके साथी संत हर जगह पर मुंह की खाकर अपने ही दुर्व्यवहार और नासमझी के कारण जगह-जगह तिरस्कृत हो रहे हैं। आलम यह है कि दुर्गादास गुट से जुड़े कुछ नौसिखिये संत अब मीडिया पर ही अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। हालांकि श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के विशालकाय भेख और पंच परमेश्वर के आगे युवा संतों का विवाद में आना नासमझी और बड़े संतों का सरासर अपमान है। सवाल यह भी उठता है कि सारे विवाद की जड़ चारों पंगत के महंत हैं और श्रीमहंत खुद ही सामने आकर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं। जिससे साफ जाहिर होता है कि दुर्गादास गुट कहीं ना कहीं अपनी कमजोरी के कारण जगह जगह मुंह की खा रहा है। कोर्ट से खाली हाथ लौटे महंत दुर्गादास ने अब युवा संतो को विवाद में आगे बढ़ा कर अपनी फजीहत करा ली है। हालांकि हरिद्वार के कई विद्वान और तपस्वी संत इस विवाद को लेकर आगे आने से बच रहे हैं। क्योंकि कई बार अखाड़े में भेख की मीटिंग हुई जिसमें चारों पंगत के महंत उपस्थित होने थे लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया। वहीं दूसरी ओर कुछ संत और महामंडलेश्वर इस सबके बीच आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। हरिद्वार कुंभ मेले में कुंभ मेला प्रभारी के तौर पर अपनी फजीहत करा चुके मुखिया महंत दुर्गादास अब अगल-बगल झांक रहे हैं कि हरिद्वार से कोई संत उनके साथ आगे आकर इस विवाद में उनका सहयोग करें। लेकिन विवाद बढ़ जाने के कारण संत भी आगे आने से बच रहे हैं।

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