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युवा भारत साधु समाज ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने पर जताया उत्तराखंड सरकार का आभार

उत्तराखंड की तर्ज पर संपूर्ण भारत में लागू किया जाए धर्मांतरण विरोधी कानून:- महंत शिवानंद

हरिद्वार। उत्तराखंड में धर्मांतरण के विरुद्ध कानून बनाने पर युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष एवं संत महापुरुषों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए ईश्वर से उनकी दीर्घायु की प्रार्थना की है। प्रेस को जारी बयान में अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि धर्मांतरण के विरुद्ध उत्तराखंड विधानसभा में विधेयक पास करने पर समस्त संत समाज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शुभकामनाएं प्रदान करता है। और आशा करता है कि उत्तराखंड की तर्ज पर ही संपूर्ण भारत वर्ष में धर्मांतरण के विरुद्ध कठोरतम कानून लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि आज भारतवर्ष में एक साजिश के तहत हिंदू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है। और पूरे देश में एक सोची समझी साजिश के तहत नाम बदलकर हिंदू बहन बेटियों को गुमराह किया जाता है। फिर उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया जाता है। केंद्र सरकार को धर्मांतरण विरोधी कानून बनाकर दोषियों को फांसी की सजा सुनिश्चित करनी चाहिए। ताकि देश में ऐसे जघन्य अपराध को रोका जा सके। साथ ही अपराधियों के लिए ऐसी सजा सुनिश्चित हो जो औरों के लिए भी एक सबक बन सके। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज एवं स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि हजारों वर्षों से धर्म विरोधी ताकतों द्वारा सनातन संस्कृति को तोड़ने की साजिश की जा रही है। लेकिन धर्म पर कुठाराघात करने वाले और उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं हो पाए हैं। संत समाज ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करता है, और केंद्र सरकार से आग्रह करता है कि उत्तराखंड की तर्ज पर संपूर्ण भारतवर्ष में जल्द से जल्द धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया जाए, इसके साथ ही लव जिहाद के खिलाफ सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सबसे शांतिप्रिय और सबमें प्रेम की भावना जागृत करने वाला है। लेकिन योजनाबद्ध तरीके से मात्र सनातन धर्म को ही निशाना बनाया जा रहा है। जिसे संत समाज अब बर्दाश्त नहीं करेगा। और ऐसी धर्म विरोधी ताकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। समस्त संत समाज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना करता है। और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, कि वह धर्म के प्रति स्नेह रखते हुए उत्तराखंड को निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर करें।

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