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सनातन धर्मग्रंथों पर अमर्यादित टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी- आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास

समाज में विद्वेष फैलाने वाले राजनेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें केंद्र सरकार

हरिद्वार 15 जनवरी । श्री बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा है कि सनातन हिंदू धर्म ग्रंथ हमारी आस्था का केंद्र है। और उनमें निहित ज्ञान से ही भारत संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। देवी देवताओं एवं धर्मग्रंथों पर अमर्यादित टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भूपतवाला स्थित साधु बेला आश्रम में प्रेस को जारी बयान में आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि धर्मसत्ता राजसत्ता की मार्गदर्शक है। और अनादि काल से हमारे धार्मिक ग्रंथ और संत महापुरुष संपूर्ण समाज का मार्गदर्शन करते चले आ रहे हैं। राजनेता अपने निजी स्वार्थ एवं वोट बैंक की राजनीति के लिए धर्म और देवी-देवताओं पर टिप्पणी करते हैं। जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे नेताओं को तुरंत जेल में डालकर सख्त से सख्त सजा दी जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मांग की है कि धर्मग्रंथ और देवी-देवताओं के खिलाफ टिप्पणी करने वाले लोगों के लिए कड़ा कानून बनाया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति सामाजिक भावनाओं को आहत ना कर पाए। मात्र वोट बैंक की राजनीति के लिए कोई भी सनातन धर्म पर अशोभनीय टिप्पणी कर देता है। हिंदू सनातन धर्म शांतिप्रिय है। लेकिन कोई भी इसे हमारी कमजोरी ना समझे। ऐसे राजनेता कभी किसी का हित नहीं कर सकते जो स्वयं हिंदू होकर अपने धार्मिक ग्रंथों का अपमान करते हो। ऐसे लोगों को समाज से बहिष्कृत किया जाए जो जनता के बीच विद्वेष फैलाने का कार्य करते हैं। बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तुरंत बर्खास्त किया जाए और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। ताकि दोबारा कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की ओछी राजनीति ना करें। धर्म पर कुठाराघात कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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