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कुंभ को स्थगित कर अगले वर्ष आयोजित किया जाए- महामनीषी निरंजन स्वामी

राकेश वालिया


हरिद्वार, 07 जनवरी। पुरुषार्थ आश्रम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि कुंभ के आयोजन को लेकर उत्तराखंड सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। 12 वर्ष के लंबे समय अंतराल के पश्चात कुंभ का आयोजन होता है। करोड़ों श्रद्धालु भक्त हरिद्वार आगमन कर अपने जीवन को भवसागर से पार लगाते हैं ऐसे में उत्तराखंड सरकार द्वारा कुंभ के दौरान हरिद्वार आगमन पर रजिस्ट्रेशन और कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य करना न्याय संगत नहीं है। प्रैस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि लाखों किसान कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं क्या वह सभी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर बैठे हैं। एवं कल पश्चिम बंगाल में जेपी नड्डा के नेतृत्व में की गई परिवर्तन यात्रा में लाखों की भीड़ क्या कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर गई थी। मात्र सनातन धर्म पर ही कुठाराघात क्यों किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह किया कि प्रयागराज की तर्ज पर ही कुंभ मेले की व्यवस्था करा कर कुंभ को भव्य व दिव्य रुप से संपन्न कराया जाए। कुंभ के दौरान कड़े नियमों का पालन कराया जाना संभव नहीं है व्यापारियों का रोजगार भी लॉकडाउन से अब तक ठप पड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में धर्म संबंधी अनेक परंपराएं तोड़ी गई है बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम सहित पूरे देश के मठ मंदिर बंद रहे हैं। या तो कुंभ को स्थगित कर अगले वर्ष आयोजित किया जाए अथवा सरकारी पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। महामनीषी निरंजन स्वामी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को यह भी साफ करना चाहिए कि कुंभ का आयोजन किस स्तर पर होगा। बार-बार बयान बदलना लोगों को भ्रम में डाल रहा है कभी मेला अधिकारी कुंभ को लेकर बयान देते हैं तो कभी केंद्र सरकार गाइडलाइन जारी करती है तो कभी राज्य सरकार नई गाइडलाइन जारी करती है। मुख्यमंत्री यह निश्चित करे कि सोच विचार कर एक बार कुंभ से जुड़ी सभी गाइडलाइन जारी की जाए। जिससे संत महापुरुषों एवं यात्री श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति ना रहे। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, स्वामी सत्यव्रतानंद, महंत बंसीदास, पंडित वेद प्रकाश शर्मा, उपेंद्र पराशर, विशाल रंजन, एवं मुख्य यजमान अनिल सोलंकी मौजूद रहे।

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