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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर संतों ने किया योग शिविर का आयोजन

भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है योग-स्वामी आनन्द गिरी

हरिद्वार, 20 जून। सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज के संयोजन में भूपतवाला स्थित श्री चेतन ज्योति अक्षय घाट पर योग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में अंतर्राष्ट्रीय योग गुरू स्वामी आनन्द गिरी महाराज ने साधकों व संतों को विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास कराया। इस दौरान स्वामी आनंद गिरी महाराज ने कहा कि योग एकमात्र ऐसी पद्धति है जिसके नियमित अभ्यास से जटिल से जटिल रोगों से निजात पाई जा सकती है। भारतीय ऋषि मुनियों द्वारा प्रतिपादित योग पद्धति से होने वाले लाभों से प्रभावित होकर आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। उन्होंने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों द्वारा अपनाई जा रही योग पद्धति से निरोगी व चिरायु जीवन प्राप्त किया जा सकता है। स्वामी आनन्द गिरी महाराज ने कहा कि योग मनुष्य के मन और आत्मा की अनन्त क्षमता को बढ़ाकर आत्मज्ञान की प्राप्ति कराता है। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग को पूरे विश्व में मान्यता मिली। 200 से अधिक देश 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना कर भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग व प्राणायाम से असाध्य रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। योग व प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। शरीर निरोगी व चुस्त दुरूस्त रहता है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को योग व प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए। साथ ही दूसरों को भी योग अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से पीड़ित है। ऐसे में योग व प्राणायाम ही एक मात्र ऐसी पद्धति है। जिसके नियमित अभ्यास से कोरोना जैसी असाध्य बीमारी से बचा जा सकता है। महंत देवेंद्र तोमर महाराज ने कहा कि योग के माध्यम से पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति को दर्शाया जा रहा है। संतो ने सदैव ही योग एवं प्रकृति से होने वाले लाभ के बारे में मनुष्य को जागृत कर उन्हें प्रेरणा प्रदान की है। युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत शिवानंद एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि योग भारतीय ऋषि मुनियों द्वारा विकसित की गयी स्वस्थ रहने की एक कला है। जो हमारे शरीर मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है। वर्तमान परिस्थितियों में तनाव कम करने के लिए योग पद्धति अत्यन्त आवश्यक है। इसलिए सभी को समय निकालकर योग अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर महंत सुतीक्ष्ण मुनि, स्वामी हरिहरानंद, महंत दुर्गादास, महंत सुमित दास, महंत सूरज दास, महंत श्रवण मुनि, योगी आशुतोष महाराज, योगी नवीन जोशी, महंत दिनेश दास, महंत ऋषभ दास, योगी गोविन्द दास सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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