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प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण अति आवश्यक-महंत निर्मल दास

हरिद्वार, 26 जून। श्री विष्णु धाम आश्रम के अध्यक्ष महंत निर्मल दास महाराज के तत्वाधान में संतो ने भूपतवाला स्थित स्वामी नारायण घाट पर पौधारोपण किया। पौधारोपण के दौरान नीम, जामुन, पीपल और आम के वृक्ष लगाए गए। इस दौरान महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधारोपण अति आवश्यक है। पेड़ पौधों के संरक्षण संवर्धन के लिए सभी को आगे आना चाहिए। वर्तमान समय में बढ़ती जनसंख्या के कारण जंगलों के कटान से पेड़ पौधों की संख्या लगातार घट रही है और प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। पेड़ हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और मानव जीवन का आधार ऑक्सीजन के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में पेड़ पौधे अवश्य लगाने चाहिए। कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अनेकों लोगों ने अपनी जान गवाई है। इससे संपूर्ण मानव जाति को सबक लेते हुए प्रकृति के संरक्षण संवर्धन में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। स्वामी आनंद स्वरूप दास महाराज ने कहा कि स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण के लिए पौधारोपण बेहद जरूरी है। मानव व समाज हित में हम सब की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर उसका संरक्षण करें। पेड़ पौधों से जहां पर्यावरण शुद्ध होता है, वहीं मानव की आर्थिक उन्नति में भी पेड़ पौधे सहायक हैं। प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं। बिना प्राकृतिक संरक्षण के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रवि देव शास्त्री महाराज ने कहा कि मनुष्य का जीवन पूरी तरह प्रकृति पर ही निर्भर है। अनंत काल से प्रकृति हमारी सहचरी रही है। हम अपनी आवश्यकता की लगभग सभी चीजें प्रकृति से प्राप्त करते हैं। इसलिए सभी को जागरूक होकर प्रकृति के प्रति अपना प्रेम और स्नेह दिखाते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करने की आवश्यकता है। जिससे भविष्य में मानव जाति को और अधिक प्राण वायु प्राप्त हो सके और प्राकृतिक संतुलन बना रहे। स्वामी गिरिशानंद महाराज ने कहा कि आवश्यकता से अधिक प्रकृति का दोहन आपदाओं को निमंत्रण देता है। वर्तमान समय में अनेकों घटनाएं सीमा से अधिक प्रकृति के दोहन के कारण ही घट रही है। लेकिन मनुष्य को बोध नहीं हो पा रहा है। सरकार को बड़े स्तर पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति के संवर्धन के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। साथ ही वृहद स्तर पर सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए तभी प्रकृति का संरक्षण संवर्धन संभव है। इस अवसर पर सागर स्वामी, स्वामी हरिहरानंद, महंत दिनेश दास, पार्षद योगेश भगत, महंत शिवानंद, महंत सूरजदास, महंत सुमित दास आदि संतजन उपस्थित रहे।

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