Dharm

श्री दक्षिण काली मंदिर में मां सिद्धिदात्री व कन्याओं का पूजन किया

सिद्धियां प्रदान करती है मां सिद्धिदात्री-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 10 अप्रैल। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित नवरात्र महोत्सव के नौंवे दिन निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना व कन्या पूजन कर देश की उन्नति व मानव कल्याण की कामना की। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने 101 कन्याओं का पूजन किया और उन्हें मां की चुनरी व नारियल भेंटकर आशीर्वाद लिया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र में देवी दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। नवरात्र के नौवें दिन मां दुर्गा के देवी सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की जाती है। जो व्यक्ति सच्चे मन से देवी सिद्धिदात्री की आराधना करता है। उसे मां सिद्धिदात्री की कृपा से सिद्धियों की प्राप्ति होती है। देवी सिद्धिदात्री की कृपा से साधक के सभी मनोरथ पूरे होते हैं। प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा शक्ति की पर्याय और करूणा की सागर हैं। सच्चे मन से मां जगदम्बे की आराधना करने वाले भक्त की प्रार्थना मां अवश्य सुनती हैं और भक्तों की पुकार पर उनके सभी कष्ट और परेशानी को दूर करती हैं।
स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में देवी भगवती साक्षात रूप से विराजमान हैं। नियमानुसार पूर्ण विधि विधान से मां दक्षिण काली की आराधना एवं भक्ति करने से जीवन में उत्साह का संचार होता है। मानवीय गुणों का विकास होता है। जिससे साधक को प्रसिद्धि, स्वास्थ्य, धन, सुख आदि की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार होने वाले नवरात्र देवी भगवती की कृपा पात्र करने का सबसे उत्तम अवसर हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को नवरात्र में देवी भगवती के सभी नौ स्वरूपों की आराधना अवश्य करनी चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, स्वामी अनुरागी महाराज, पंडित विवेकानंद ब्रह्मचारी, अनुज दुबे, अनुराग बाजपेई सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *