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व्योम फाउंडेशन: दिव्यांगों को सक्षम बनाने का प्रयास


*करोना काल में बंद संस्था में पुनः शुरू हुआ प्रशिक्षण का कार्य

हरिद्वार। व्योम फाउंडेशन में एक बार पुनः दिव्यांग बच्चों के प्रशिक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है। ‌इससे दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को उम्मीद को पंख लग गए है। क्योंकि करोना महामारी के दौरान प्रशिक्षण का कार्य बंद होने बच्चों के विकास पर असर पड़ा। इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई थी।‌अब व्योम फाउंडेशन के तत्वावधान में एक बार फिर दिव्यांगों बच्चों के प्रशिक्षण का शुरू हो गया है। इससे एक ओर जहां दिव्यांग बच्चों को लाभ होगा वही उनके माता-पिता को भी मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकेगी। ‌
बताते चलें कि करोना काल में सरकार की ओर से जारी निर्देश का पालन करते हुए व्योम फाउंडेशन में बच्चों के प्रशिक्षण का कार्य रोक दिया गया था। ‌ फाउंडेशन के संस्थापक विभाष मिश्रा के अथक प्रयासों के चलते हैं एक बार पुनः शुरू किया गया है। विभाष मिश्रा ने बताया कि उन्हें खुशी है कि एक बार फिर दिव्यांग बच्चों के प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो गया है। क्योंकि इससे दिव्यांग बच्चों का भविष्य सुधारने में मदद मिलेगी। उन्होंने दिव्यांग का दर्द उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। ऐसे बच्चों के माता-पिता जीवन भर दर्द के साथ जीने के लिए मजबूर थे। उनके सामने कोई उपाय नहीं था। लेकिन व्योम फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने ऐसे अभिभावकों के लिए उम्मीद की किरण जगाने का प्रयास किया है। वें जानते हैं दिव्यांग बच्चे विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे बच्चों को प्रशिक्षण देने पर वे सामान्य बच्चों से भी आगे निकलकर कार्य कर सकते हैं। ऐसे बच्चों को सक्षम बनाने के लिए ही उन्होंने व्योम फाउंडेशन की स्थापना की और प्रशिक्षण देकर बच्चों एवं उनके अभिभावकों में उम्मीद की किरण जगाने का प्रयास किया। जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। प्रशिक्षण के उपरांत कई बच्चों में उम्मीद से ज्यादा सुधार देखा गया। लेकिन करोना के चलते प्रशिक्षण का कार्य बंद किया गया था। जिसे अब पुनः शुरू किया गया है। अब एक बार फिर दिमाग बच्चे एवं उनके माता-पिता सुनहरे भविष्य का सपना संजो सकेंगे।‌ विभाष मिश्रा ने कहा कि समाज की संपन्न वर्ग के लोगों को पुण्य कार्य में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। सभी लोगों के सहयोग से एक असंभव कार्य को संभव किया जा सकेगा।

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