हरिद्वार, 12 सितम्बर। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने ब्रह्मलीन जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जैसे दिव्य महापुरूष का ब्रह्मलीन होना सनातन जगत के लिए भारी क्षति है। जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। श्री दक्षिण काली मंदिर में ब्रह्मलीन जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद उनके लिए गुरूतुल्य थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके दिखाए मार्ग व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सनातन धर्म व संस्कृति के उत्थान में योगदान करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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