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संत महापुरूषों के सानिध्य में ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है-राजगुरू संतोषानंद

सौभाग्य से प्राप्त होता है श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का अवसर-स्वामी हरिचेतनानंद

श्रीमद्भागवत कथा व संत दर्शन से दूर होते हैं सभी कष्ट-राजगुरू स्वामी संतोषानंद

हरिद्वार, 23 फरवरी। श्री हनुमान सत्संग धाम श्री हरि अवतार दर्शन पीठ ग्वालियर मध्य प्रदेश के तत्वाधान में भारतमाता पुरम स्थित एकादश रूद्र पीठ आश्रम में आयोजित श्रीमद्भावगत कथा के विश्राम अवसर पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि जिस स्थान पर श्रीमद्भावगत कथा व संत सम्मेलन का आयोजन हो जाता है। वह स्थान सदैव के लिए पूज्यनीय हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भावगत कथा श्रवण का अवसर बेहद सौभाग्य से प्राप्त होता है। श्रद्धालु भक्तों को कथा श्रवण का अवसर प्रदान करने के लिए महामण्डलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज बधाई के पात्र हैं। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि । संतों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण व मनन करने से जीवन के सभी संताप दूर हो जाते हैं। बाबा बलराम दास हठयोगी ने कहा कि श्रीमद्भावगत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। संतों ने समाज को सदैव धार्मिक मान मर्यादाओं का पालन करते हुए आदर्श समाज बनाने की प्ररेणा दी है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में संस्कृत एवं संस्कृति जीवंत है। तभी तक मानव में सुसंस्कारों का प्रवेश हो रहा है। धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के लिए संत समाज अग्रणीय भूमिका निभाता चला आ रहा है। अब इसकी जिम्मेदारी युवा संतों को अपने कंधों पर उठानी होगी। महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी एवं युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भावगत कथा में समाहित ज्ञान को जो व्यक्ति जीवन व्यवहार में शामिल कर लेता है। श्रीहरि की कृपा से उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। महामण्डलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज की प्ररेणा से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कर श्री हनुमान सत्संग धाम श्री हरि अवतार दर्शन पीठ ने सराहनीय कार्य किया है। महामण्डलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने उपस्थित संतजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक ही स्थान पर संतों का दर्शन सभी के लिए प्रेरणादायी है। गंगा तट पर श्रीमद्भावगत कथा का श्रवण व संत दर्शन से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। इसलिए इस अवसर को कभी गंवाना नहीं चाहिए और प्रत्येक परिवार को धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर अपने धर्म के प्रति समर्पण भाव दिखाते हुए जागरूक रहना चाहिए। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का सुरेंद्र शर्मा ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, महंत रघुवीर दास, महामनीषी निरंजन स्वामी, महंत शिवानंद, महंत गोविंद दास, महंत प्रहल्ाद दास, महंत दुर्गादास, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, स्वामी दिनेश दास, स्वामी दिव्यांश वेदांती, स्वामी रामजी, महंत सुतिक्ष्ण मुनि, महंत अरूण दास, महंत सूरज दास, आरडी मणि तिवारी, सुरेन्द्र अग्रवाल महाप्रबंधक फ्रैंको इन्डस्ट्रीज, डा.संजय गोयल, ओम प्रकाश शर्मा, प्रेम शंकर शर्मा, दिलीप सिंह भदौरिया एडवोकेट, राजेश सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, जगद्गुरु आनंदेश्वर, कथा के यजमान हरिमोहन शर्मा, मुख्य यजमान यशोदा शर्मा, राधेश्याम शर्मा आदि श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

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