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श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से होती है अंतःकरण की शुद्धि-महामनीषी निरंजन स्वामी

हरिद्वार, 22 फरवरी। महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। इसलिए जो भगवान को प्रिय हो वही करना चाहिए और प्रभु का मार्ग अपनाकर उनसे मिलने का उद्देश्य बना लेना चाहिए। भारत माता पुरम स्थित एकादश रूद्र पाठ आश्रम में श्री हनुमान सत्संग धाम श्री हरि अवतार दर्शन पीठ कृष्णा विहार ग्वालियर मध्य प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि इस संसार में जन्म मरण से मुक्ति भगवान की कथा ही दिला सकती है। भगवान की कथा विचार वैराग्य ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा वह ज्ञान का भंडार है। जिसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के तन के साथ-साथ अंतःकरण की शुद्धि भी हो जाती है और वह सत्कर्म का मार्ग अपनाकर अपने बैकुंठ का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि भक्त और भगवान की यह कथा सभी के लिए सर्वदा हितकारी है। योगी सत्यव्रतानंद महाराज ने कहा कि राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं। किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और ना ही बदले जा सकते है।ं इसलिए मोह माया को छोड़कर प्रभु भक्ति में लीन रहते हुए सतकर्मों को करना ही इस कथा का मूल उद्देश्य है। जो व्यक्ति कथा में निहित ज्ञान को अपने जीवन में उतार कर उसे अपने व्यवहार में शामिल कर लेता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। कथा व्यास महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा को सुनना एवं सुनाना दोनों ही मोक्षदायक है। यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कथा सुनने के लिए प्रेरित करता है तो उस व्यक्ति को भी इसका पुण्य फल प्राप्त होता है। कथा सुनने का फल सभी पुण्यों, तपस्या एवं सभी तीर्थों की यात्रा के फल से भी कहीं बढ़कर है और देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरती पर गंगा तट के सानिध्य में कथा श्रवण का महत्व सहस्त्र गुना बढ़ जाता है। श्रीमद्भागवत के श्रवण से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और इसे सुनने से आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति स्वयं हो जाती है और समस्त दुखों का शमन हो जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कथा की महत्वता को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के आयोजन के साथ साथ विष्णु महायज्ञ भी समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी है। संपूर्ण विश्व में खुशहाली व्याप्त रहे और प्रत्येक प्राणी हर्षोल्लास के साथ जीवन व्यतीत करें। यही धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व है। इस अवसर पर आरडी मणि तिवारी, सुरेन्द्र अग्रवाल महाप्रबंधक फ्रैंको इन्डस्ट्रीज, डा.संजय गोयल, ओम प्रकाश शर्मा, सतीश पाराशर, प्रेम शंकर शर्मा, दिलीप सिंह भदौरिया एडवोकेट, राजेश सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, जगद्गुरु आनंदेश्वर, कथा के यजमान हरिमोहन शर्मा, मुख्य यजमान यशोदा शर्मा, राधेश्याम शर्मा आदि श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

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