हरिद्वार, 17 अप्रैल। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और संत महापुरुषों सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान के प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री राधा बल्लभ निर्मोही अखाड़े में ब्रह्मलीन महंत शत्रुघ्न दास महाराज की स्मृति में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत शत्रुघ्न महाराज एक विद्वान महापुरुष थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत वैष्णव अखाड़ों की परंपराओं का निर्वहन करते हुए समाज को नई दिशा प्रदान करने का कार्य किया। राष्ट्र निर्माण में उनके अतुल्य योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्रीमहंत रघुनंदन दास महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन सदा परोपकार को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन महंत शत्रुघ्न महाराज ने सदा भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर मानव सेवा का संदेश दिया। संत समाज ऐसे महापुरुषों को नमन करता है। श्रीमहंत सुरेश दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन शत्रुघ्न महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने अपने जीवन में अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर गरीब असहाय लोगों की सहायता की और सभी को सच्चाई के मार्ग का अनुसरण कर धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए प्रेरित किया। महंत रामशरण दास महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। राष्ट्र कल्याण के लिए उनके उपदेश सदैव प्रेरणादायक होते हैं। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का समाजसेवी गोपाल भाई दवे ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत लालजी शरण, महामंडलेश्वर सेवादास, महंत फूलडोल दास, महंत संत दास, महंत रामजी दास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेंद्र दास, ब्रह्मांड गुरु अनंत महाप्रभु, महंत अमित दास, महामंडलेश्वर साध्वी साधना दास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत मनीष दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष उपस्थित रहे।
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