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संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है – श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

ब्रह्मलीन महंत गंगासागर भारती महाराज महान संत थे

हरिद्वार, 20 नवम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है और महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन महंत गंगासागर भारती महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना पूरा जीवन समर्पित किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में आयोजित ब्रह्मलीन महंत गंगासागर भारती महाराज के श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदैव व्यावहारिक रूप से उपस्थित रहती है। महंत कैलाश भारती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत गंगासागर भारती महाराज एक तपस्वी एवं विद्वान संत थे। जिन्होंने गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर समाज को सेवा का संदेश दिया और धर्म एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। महंत पूरन भारती महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन महंत गंगासागर भारती महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिनके आदर्श पूर्ण जीवन से युवा संतो को प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि संत सदा अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। युवा संत धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। जो समस्त संत समाज के लिए गौरव की बात है। इस अवसर पर महंत देवगिरी, महंत अखिलेश भारती, महंत रावेन्द्र पुरी, महंत कमल पुरी, बाबा ज्ञान भारती, बाबा किशन पुरी, बाबा मनोज गिरी, बाबा सूर्य मोहनगिरी, स्वामी संगम गिरी आदि उपस्थित रहे।

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