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राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत समाज की अहम भूमिका होती है- श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

राकेश वालिया

हरिद्वार, 5 जनवरी। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के संत महंतों ने गंगा किनारे बने त्रिमूर्ति होटल में धार्मिक अनुष्ठान में कहा कि जिस स्थान पर संत महापुरूषों के चरण पड़ जाते हैं। वह स्थान स्वर्ग के समान हो जाता है। मंगलवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। पवन पुत्र हनुमान बजरंग बली आज के दिन अपने समस्त भक्तों का कल्याण करते हैं। जो उनकी सच्चे मन से आराधना करते हैं। महावीर बजरंग बली उन पर प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत समाज की अहम भूमिका होती है। क्योंकि भारतीय सनातन संस्कृति की रक्षा और प्रचार प्रसार संत महापुरूषों के द्वारा ही देश विदेश में किया जाता है। उन्होंने कहा कि संत का अपना कुछ नहीं होता। संत का पूरा जीवन लोक कल्याण की कामना में समर्पित रहता है। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि इस पृथ्वी पर संत महापुरूषों का सबसे बड़ा योगदान है। क्योंकि प्रत्येक शुभ कार्य में संत महापुरूषों द्वारा कराया गया धार्मिक अनुष्ठान कभी विफल नहीं होता और ईश्वर के आशीर्वाद से और संत महापुरूषों की कृपा से धार्मिक अनुष्ठान रीति रिवाज से कराने वाले भक्त के सभी कार्य सिद्ध होते हैं। उसके परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। श्रीमहंत गंगा गिरी व श्रीमहंत लखनगिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूष बड़े ही दयालु होते हैं। संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। उसी प्रकार वह अपने भक्तजनों के कल्याण के लिए अपने द्वारा किए गए जपतप से भक्तों का कल्याण करते हैं। उनके जीवन को सफल बनाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करके उनके जीवन को सफल बनाते हैं। समाजसेविका श्रीमती राजेश्वरी देवी, राकेश गोयल, नरेश गोयल, मुकेश गोयल, सनिल गोयल, अमन गोयल, दर्पण गोयल, शुभम गोयल आदि ने धार्मिक अनुष्ठान में आए सभी संत महंतों का स्वागत फूलमाला और शाॅल ओढ़ाकर किया गया। इस दौरान महंत राधे गिरी, महंत मनीष भारती, श्रीमहंत ओमकार गिरी, स्वामी निरजानंद सरस्वती, दिगंबर आशुतोष पुरी, दिगंबर बलवीर पुरी, स्वामी रघुवन, स्वामी मधुरवन, अनिल शर्मा, डा.सुनील कुमार बत्रा, प्रदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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