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धर्म सत्ता व राजसत्ता के समन्वय से ही देश को उन्नति की ओर अग्रसर किया जा सकता है- महामनीषी निरंजन स्वामी

हरिद्वार, 1 सितंबर। पुरूषार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता अखंडता बनाए रखने के लिए संतो को एकजुट होकर आगे आना होगा। किसी भी देश को धर्म सत्ता व राजसत्ता के समन्वय से ही उन्नति की ओर अग्रसर किया जा सकता है। भूपतवाला स्थित आश्रम में प्रैस को जारी बयान में निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि वर्तमान में देश एक बुरे दौर से गुजर रहा है। सनातन धर्म पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है। साजिश के तहत हिंदुओं का धर्मांतरण किया जा रहा है और सनातन धर्म को धीरे-धीरे मिटाने का प्रयास भी हो रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने देश के सभी संत महापुरुषों से अपील करते हुए कहा कि एकजुट होकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही समाज में फैल रही कुरीतियों को मिलजुल कर ही समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते हिंदू समाज नहीं जागा तो वह दिन दूर नहीं जब संपूर्ण देश इस्लामीकरण की ओर अग्रसर होगा। स्वामी सत्यविजय सरस्वती महाराज ने कहा कि समस्त हिंदू समाज को आज एकजुट होने की आवश्यकता है। तभी देश को खंडित होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए संत समाज ही अहम भूमिका निभा सकता है। इसलिए संत महापुरुष आगे आकर लोगों को जागरूक कर एकजुट करें और हिंदू परिवार अपने बच्चों को संस्कारवान बनाकर धर्म के प्रति समर्पित बनाएं। जिससे आने वाली पीढ़ी भी धर्म और भारतीय संस्कृति के महत्व को समझ सके। उन्होंने कहा कि संत महापुरूष अनादि काल से समाज का मार्गदर्शन कर नई दिशा प्रदान करते चले आ रहे हैं। लोगों को भी जागरूक रहकर अपने धर्म के प्रति समर्पित रहना होगा। धर्म के मार्ग पर अग्रसर रहकर ही राष्ट्र को सशक्त बनाया जा सकता है।

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