राकेश वालिया
हरिद्वार, 6 दिसंबर। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत महेश्वरदास महाराज ने कुंभ मेला कार्यो को लेकर मेला प्रशासन की लचर कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई है। अखाड़े की छावनी में प्रैस बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि अखाड़ों को मेला प्रशासन द्वारा नाममात्र का ही सहयोग मिल रहा है। अखाड़े अपने स्तर पर कुंभ के सभी कार्य करवा रहे हैं। सफाई कर्मचारी तक की तैनाती अखाड़ों में नही की गयी है। मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद मेला प्रशासन के अधिकारियों के कान पर जंू तक नहीं रेंग रही है। अखाड़ों को जमीन आवंटन का काम भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है। जिससे अखाड़े बाहर से आने वाले संतों के लिए शिविर स्थापना का कार्य नहीं कर पा रहे हैं। मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी मात्र निरीक्षण कर और संतों को आश्वासन देकर बरगला रहे हैं। सुविधाओं के नाम पर अखाड़ों की अनदेखी की जा रही है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुंभ मेला प्रभारी मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन के अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। 15 दिसंबर तक कुंभ कार्य कैसै पूरे होंगे। मेला प्रशासन को इसका जवाब देना चाहिए। दक्षनगरी कनखल की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह सड़के खुदी पड़ी हैं। अतिक्रमण के कारण सड़कों पर जाम लगा रहता है। पेशवाई मार्गो की मरम्मत भी नहीं हो पायी है। कुंभ मेला आयोजन का समय नजदीक आता जा रहा है। कुंभ मेला प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने से कुंभ की तैयारियां अधूरी पड़ी हैं। जिससे संतों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र कुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। कोरोना बीमारी को बहाना बनाकर मेला लगातार की उपेक्षा कर रहा है। ऐसे लगता है कि बीमारी की आड़ में मेला प्रशासन कुंभ संपन्न कराना नहीं चाहता है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अखाड़ा परिषद की आगामी बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा। मेला प्रशासन को अपने रवैये में सुधार लाने की आवश्यकता है।