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त्याग और तपस्या की प्रतिपूर्ति थे स्वामी शिवेंद्र पुरी: श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने जताया आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के ब्रह्मलीन होने पर दुःख

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्रपुरी महाराज ने पंचायती आह्वान अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र पुरी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज अपूर्णीय क्षति है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र पुरी महाराज का जीवन हमेशा समाज सेवा को समर्पित रहा है। उन्होंने सनातन परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए भारत ही नहीं पूरे विश्व में धर्म का फताका फहराया है। उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है।
श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने कहा कि स्वामी शिवेंद्र पुरी त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने बताया कि मुम्बई स्थित अस्पताल में एक दिन पूर्व उन्होंने अंतिम सांस ली है।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने कहा कि संत महात्मा किसी जाति विशेष के न होकर पूरे समाज के होते हैं। उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी शिवेंद्र पुरी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलकर संत समाज अनुसरण करें। सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन शिवेंद्र पुरी महाराज के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए देश व समाज के उत्थान में अपना योगदान देना चाहिए। 

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