*बासी भोजन का भोग लगाकर की मां से मनोकामना पूर्ति की कामना
हरिद्वार। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है और शीतला माता को बासे खाने का भोग लगाकर उसे ही प्रसाद के रूप में खाया जाता है। इस साल आज यानी कि 25 मार्च 2022, शुक्रवार को शीतला अष्टमी है। इसे बसौड़ा पूजा भी कहते हें।
भगवान महादेव की नगरी कनखल में राजा दक्ष की कुलदेवी के रूप में विराजमान मां भगवती शीतला माता का भक्तों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ पूजन किया। मंदिर के पुजारी राकेश गिरी ने बताया कि प्रात काल से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने शुरू हो गई। सभी भक्तों ने माता को बासी भोजन का प्रसाद भेंट कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद लिया। राकेश गिरी ने बताया कि मां भगवती शीतला के रूप में आसाध्य रोगों को दूर करने का कार्य करती है। इसलिए भक्तजन वर्ष भारत मंदिर में आकर माता का आशीर्वाद ध्यान करते हैं विशेषकर नवरात्रों में मंदिर में खास उत्सव का नजारा रहता है।