अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी महाराज ने कहा है कि विश्व की अनेक परंपराओं में भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का विशेष स्थान है और गुरु शिष्य परंपरा संपूर्ण विश्व भर में भारत को महान बनाती है l ब्रह्मलीन भागवत भूषण दीन दयालु महाराज भारतवर्ष की एक महान विभूति थे l जिनका आदर्शपूर्ण जीवन सभी के लिए प्रेरणादाई रहेगा l संत समाज ऐसे महापुरुषों को नमन करते हुए उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता है l भूपतवाला स्थित ललिता आश्रम में ब्रह्मलीन भागवत भूषण स्वामी दीन दयालु महाराज के श्रद्धांजलि समारोह में संत समाज ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संत जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया l कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन सभी के लिए प्रकाशमय होता है l जिनके दर्शन मात्र से पापों से निवृत्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है l ब्रह्मलीन स्वामी दीन दयालु महाराज एक महान एवं तपस्वी संत थे l जिन्होंने जीवन पर्यंत धर्म एवं संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य किया समाज सेवा के क्षेत्र में उनका अतुल्य योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा l महामंडलेश्वर स्वामी हरीचेतनानंद एवं चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ललिता आश्रम ट्रस्ट समाज सेवा, चिकित्सा, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाकर समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है l ब्रह्मलीन भागवत भूषण स्वामी दीन दयालु महाराज एक विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे l जो समाज में समन्वय स्थापित कर राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपना सहयोग प्रदान करते हुए भगवान के श्री चरणों में अपने पंच भौतिक शरीर को त्याग कर समाज के लिए सेवा का संदेश प्रदान कर गए l हम सभी को उनके आदर्श पूर्ण जीवन से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र एवं समाज के हित के लिए तत्पर रहना चाहिए और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाते हुए धर्म एवं संस्कृति के उत्थान के लिए प्रेरित करना चाहिए l यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी l कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का शिव कुमार पांडे एवं हरिहर पांडे ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया l इस अवसर पर श्रीमहंत दुर्गादास, स्वामी हरिहरानंद, महंत सूरज दास, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत अरुण दास, स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, महंत प्रेमदास, श्रीमहंत विष्णुदास, महंत प्रहलाद दास, महंत गोविंद दास, महंत रघुवीर दास, राजमाता आशा भारती, महंत प्रमोद दास, महंत शुभम गिरी, महंत बाल गिरी, महंत पूर्णानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, भक्त दुर्गादास, महंत नारायण दास पटवारी सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे l
